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भोले बाबा ने पकड़ा हाथ (Bhole Baba Ne Pakda Hath)

भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,

की रहता हर पल मेरे साथ,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


जबसे इसने अपनाया है,

जीने का ढंग सिखलाया है,

मन में रहता उत्साह,

नहीं अब सुख दुःख की परवाह,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


मैं जग में निर्भय घूम रहा,

इसकी मस्ती में झूम रहा,

इसने बदली तकदीर,

मिटाके हर मुश्किल गंभीर,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


मिलते है इसके दीवाने,

कुछ जाने और कुछ अंजाने,

उनसे मिलता जो प्यार,

क्या देगा कोई रिश्तेदार,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


ये प्यार बहुत ही करता है,

और भाव हृदय में भरता है,

‘बिन्नू’ का ये मनमीत,

झुमके गाऊं इसके गीत,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥


भोले बाबा ने पकड़ा हाथ,

की रहता हर पल मेरे साथ,

अकेला मत समझो,

अकेला मत समझो ॥

तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में

दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)

ओ जंगल के राजा, मेरी मैया को ले के आजा (O Jungle Ke Raja Meri Maiya Ko Leke Aaja)

ओ जंगल के राजा,
मेरी मैया को ले के आजा,

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन(Manmohan Kanha Vinti Karu Din Rain)

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,
राह तके मेरे नैन, राह तके मेरे नैन,

माई सबके बाल गोपाल, सदा खुशहाल रहे (Mai Sabke Bal Gopal Sada Khushal Rahe)

माई सबके बाल गोपाल,
सदा खुशहाल रहे,

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