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मेरे भोले की सवारी आज आयी (Mere Bhole Ki Sawari Aaj ayi)

मेरे भोले की सवारी आज आयी,

मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


गले में उसके सर्पो की माला,

शम्भू पीते विष का प्याला,

सुन्दर रूप है उसका निराला,

बाबा मेरा भोला भाला,

तेरा नाम जपे दुनिया सारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


जटा गंग भंग पि के आए,

गौरा मैया के मन हर्षाये,

अक धतूरा जो भोग लगाए,

उसकी नैया पार लगाए,

भोला कहलाता है विषधारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


अंग पे अपने भस्म रमाए,

डम डम डम डम डमरू बजाए,

औघड़दानी रूप धरा है,

‘ब्रजवासी’ तेरी महिमा गाए,

शिव नाम के है सारे पुजारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


मेरे भोले की सवारी आज आयी,

मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


आषाढ़ कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी (aashaadh krishn paksh ki yogini ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा कि हे श्री मधुसूदन जी ! ज्येष्ठ शुक्ल की निर्जला एकादशी का माहात्म्य तो मैं सुन चुका अब आगे आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है और क्या माहात्म्य है कृपाकर उसको कहने की दया करिये।

तेरे नाम का दीवाना, तेरे द्वार पे आ गया है: भजन (Tere Naam Ka Diwana Tere Dwar Pe Aa Gaya Hai)

तेरे नाम का दीवाना,
तेरे द्वार पे आ गया है,

कृष्ण घर नन्द के जन्मे, सितारा हो तो ऐसा हो (Krishna Ghar Nand Ke Janme Sitara Ho To Aisa Ho)

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,

राधा कौन से पुण्य किये तूने(Radha Kon Se Punya Kiye Tune)

राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥

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