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मेरे भोले की सवारी आज आयी (Mere Bhole Ki Sawari Aaj ayi)

मेरे भोले की सवारी आज आयी,

मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


गले में उसके सर्पो की माला,

शम्भू पीते विष का प्याला,

सुन्दर रूप है उसका निराला,

बाबा मेरा भोला भाला,

तेरा नाम जपे दुनिया सारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


जटा गंग भंग पि के आए,

गौरा मैया के मन हर्षाये,

अक धतूरा जो भोग लगाए,

उसकी नैया पार लगाए,

भोला कहलाता है विषधारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


अंग पे अपने भस्म रमाए,

डम डम डम डम डमरू बजाए,

औघड़दानी रूप धरा है,

‘ब्रजवासी’ तेरी महिमा गाए,

शिव नाम के है सारे पुजारी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


मेरे भोले की सवारी आज आयी,

मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

जोगन बन नाचूंगी मैं भी,

जोगन बन नाचूंगी ॥


इस योग्य हम कहाँ हैं, गुरुवर तुम्हें रिझाये(Is Yogya Ham Kahan Hain, Guruwar Tumhen Rijhayen)

इस योग्य हम कहाँ हैं
इस योग्य हम कहाँ हैं,

सच्चे मन से माँ की, ज्योत तुम जगाओ (Sacche Man Se Maa Ki Jyot Tum Jagao)

सच्चे मन से माँ की,
ज्योत तुम जगाओ,

सूर्यदेव को रथ सप्तमी पर क्या चढ़ाएं

रथ-सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अगर सूर्यदेव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ किया जाए तो व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य के साथ मान-सम्मान में भी वृद्धि हो सकती है।

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