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खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे

खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।

(खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)

अरे, खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।

(खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)


हो पंडा माई के द्वारे, खेल पंडा रे।

हो पंडा निकले जवारे, खेल पंडा रे।

हो पंडा माई के द्वारे, खेल पंडा रे।

हो पंडा निकले जवारे, खेल पंडा रे।

अरे, खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।

(खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)


हो पंडा भगते गाए, खेल पंडा रे।

हो, पंडा ढोल बजाए, खेल पंडा रे।

हो पंडा भगते गाए, खेल पंडा रे।

हो, पंडा ढोल बजाए, खेल पंडा रे।

अरे, खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।

(खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)


पंडा खप्पर उठा के, खेल पंडा रे।

हो, पंडा बाना लेके, खेल पंडा रे।

हो, पंडा खप्पर उठा के, खेल पंडा रे।

हो, पंडा बाना लेके, खेल पंडा रे।

अरे, खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।

(खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)


हो, पंडा झूमे निरंजन, खेल पंडा रे।

हो, पंडा नाचे निरंजन, खेल पंडा रे।

हो, पंडा झूमे निरंजन, खेल पंडा रे।

हो, पंडा नाचे निरंजन, खेल पंडा रे।

अरे, खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।

(खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)

अरे, खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।

(खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

हो, घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)

(घड़ी आ गई सुहानी खेल पंडा रे।)


माँ रेवा: थारो पानी निर्मल (Maa Rewa: Tharo Pani Nirmal)

माँ रेवा थारो पानी निर्मल,
खलखल बहतो जायो रे..

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया - भजन (Tu Tedha Teri Tedhi Re Najariya)

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,
मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,

मार्गशीर्ष शुक्ल की मोक्षदा एकादशी (Margshersh Sukal Ki Mouchda Ekadashi) )

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर बोले- हे दशी जनार्दन आपको नमस्कार है। हे देवेश ! मनुष्यों के कल्याण के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का नाम एवं माहात्म्य वर्णन कर यह बतलाइये कि उसकीएकादशी माहात्म्य-भाषा विधि क्या है?

हार के आया मैं जग सारा (Haare Ka Sahara Mera Shyam)

हार के आया मैं जग सारा,
तेरी चौखट पर,