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मत्स्य द्वादशी के विशेष उपाय

मत्स्य द्वादशी पर करें ये विशेष उपाय, दूर होंगे कुंडली के दोष 



मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु के मत्सय अवतार को समर्पित एकमात्र मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति में है। जिसका नाम ‘नागलापुरम वेद नारायण स्वामी मंदिर’ है। इस मंदिर में मत्स्य द्वादशी के दिन विशेष पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी ने मत्स्य का अवतार लेकर हयग्रीव राक्षस का संहार कर वेदों की रक्षा की थी। धार्मिक मत है कि इस दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से सभी कष्टों का नाश होता है। साथ ही ऐसे कुछ विशेष उपाय भी है जिन्हें इस दिन करने से कुंडली के दोष दूर होते है। आईये मत्स्य द्वादशी के दिन किए जाने वाले इन उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

कब है मत्स्य द्वादशी 2024? 


पंचांग के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का आरंभ 12 दिसंबर 2024 को प्रात: काल 1 बजकर 09 मिनट से हो रहा है जो अगले दिन 12 दिसंबर 2024 को सुबह 10 बजकर 26 मिनट तक जारी रहेगी। उदयातिथि के अनुसार साल 2024 में 12 दिसंबर को मत्स्य द्वादशी मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा। वहीं व्रत का पारण 13 दिसंबर को किया जाएगा। 

मत्स्य द्वादशी के दिन करें ये अचूक उपाय


मत्स्य द्वादशी के इन उपायों को करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है- 

मछलियों को आटे की गोली खिलाएं 


मत्स्य द्वादशी के दिन जलाशय या नदियों में मछलियों को आटे की गोली खिलाना बहुत ही पुण्यकारी माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य के कुंडली के दोष दूर होते हैं।

जल थाल भेंट


मछली पालन करने वाले स्थान पर ले जाकर छोड़ दें। यह उपाय करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवों के प्रति दयाभाव का भाव बढ़ता है।

हवन करना


मत्स्य द्वादशी के दिन यज्ञशाला में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा हवन कराया जा सकता है। हवन में आहुतियां देकर भगवान विष्णु का आह्वान किया जाता है। हवन करने से वातावरण शुद्ध होता है और व्यक्ति को मनचाही सफलता प्राप्त होती है।

दान का महत्व


मत्स्य द्वादशी के दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। आप गरीबों और जरूरतमंदों को दान दे सकते हैं। दान में अनाज, वस्त्र, दक्षिणा आदि का दान किया जा सकता है। दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

मंदिर दर्शन


मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाकर दर्शन और पूजा करने का विशेष महत्व है। कुछ प्रसिद्ध मंदिरों में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की प्रतिमा भी स्थापित होती है। आप ऐसे मंदिरों में जाकर दर्शन कर सकते हैं।

मछली का भोजन न करें


मत्स्य द्वादशी के दिन मछली का भोजन नहीं करना चाहिए। यह दिन मत्स्य अवतार को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन मछली का भोजन वर्जित माना जाता है।

आर्थिक संकट दूर करने का उपाय


इस दिन भगवान विष्णु के सम्मुख रोली मिले गाय के घी का दशमुखी दीपक जलाने से आर्थिक संकट दूर होते हैं।

नौकरी या कारोबार में परेशानियां दूर करने का उपाय

यदि किसी की नौकरी या कारोबार में परेशानियां आ रहीं हैं तो इस दिन भगवान विष्णु पर चढ़ाया हुआ सिक्का जल में प्रवाहित कर दें।

गणेश जयंती के उपाय

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक जयंती अथवा वरद जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

वैकुंठ एकादशी पूजा विधि

वैकुंठ एकादशी को सनातन धर्म में बेहद शुभ माना गया है। इसे मुक्कोटी एकादशी, पुत्रदा एकादशी और स्‍वर्ग वथिल एकादशी भी कहते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि यह एकादशी व्रत करने से वैकुंठ के द्वार खुलते हैं।

देवी सरस्वती स्तोत्रम् (Devi Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।