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मैया ओढ़ चुनरिया लाल, के बैठी कर सोलह श्रृंगार (Maiya Odh Chunariyan Lal Ke Bethi Kar Solha Shingar)

मैया ओढ़ चुनरिया लाल,

के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे ॥


लाल चुनरियाँ चम चम चमके,

रोली को टीको दम दम दमके,

थारे हाथ मेहंदी लाल,

के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे ॥


पगल्या री पायल छम छम छमके,

हाथां रो चुड़लो खन खन खनके,

थारे गल हीरा को हार,

के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे ॥


खोल खजानो बैठी मेरी मईया,

जो चाहे सो मांग लो भईया,

म्हारी मईया लखदातार,

के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे ॥


मैया ओढ़ चुनरिया लाल,

के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे,

बड़ी प्यारी लागे,

बड़ी सोणी लागे ॥

मेरा छोटा सा संसार हरी आ जाओ एक बार (Mera Chota Sa Sansar Hari Aa Jao Ek Baar)

मेरा छोटा सा संसार,
हरी आ जाओ एक बार,

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली (Odh Chunariya Maiya Lal Chali)

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,
सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥

शिव समा रहे मुझमें (Shiv Sama Rahe Hain Mujhme)

ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

पूर्णिमा व्रत विधि क्या है

पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?