नवीनतम लेख

सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला: भजन (Siya Ji Se Puch Rahe Anjani Ke Lala)

सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला,

मांग में सिंदूर मैया किस लिए डाला,

सिया जी से पूछ रहें अंजनी के लाला ॥


हनुमत की वाणी सुन सिया मुस्कुराई,

पीछा छुड़ाने की युक्ति बनायी,

खुश होंगे मेरे स्वामी इसलिए डाला,

सिया जी से पूछ रहें अंजनी के लाला,

मांग मे सिंदूर मैया किस लिए डाला ॥


हनुमत ने सोचा मैं भी राम को रिझाउंगा,

मैया ने लगाया मैं ज्यादा लगाऊंगा,

ऐसा कहके हनुमान ने पूरा तन रंग डाला,

सिया जी से पूछ रहें अंजनी के लाला,

मांग मे सिंदूर मैया किस लिए डाला ॥


मैया ने बताया वही रास्ता अपनाऊंगा,

राम जी के चरणों का दास बन जाऊंगा,

राम जी के नाम की जपूंगा मैं तो माला,

सिया जी से पूछ रहें अंजनी के लाला,

मांग मे सिंदूर मैया किस लिए डाला ॥


जब दरबार में बैठे श्री राम जी,

चरणों में शीश झुकाएं हनुमान जी,

अजर अमर तुम अंजनी के लाला,

ऐसा वरदान सीता माता ने दे डाला,

सिया जी से पूछ रहें अंजनी के लाला,

मांग मे सिंदूर मैया किस लिए डाला ॥


सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला,

मांग में सिंदूर मैया किस लिए डाला,

सिया जी से पूछ रहें अंजनी के लाला ॥


Hey Bhole Baba Hey Bhandari (हे भोले बाबा हे भंडारी)

हे भोले बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,

कभी तो मेरे घर आना, मोरी शारदा भवानी (Kabhi To Mere Ghar Aana Mori Sharda Bhawani)

कभी तो मेरे घर आना,
मोरी शारदा भवानी,

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥