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तेरे द्वार खड़ा भगवान, भक्त भर (Tere Dwaar Khada Bhagawan Bhagat Bhar De Re Jholi)

तेरे द्वार खड़ा भगवान,

भक्त भर दे रे झोली ।

तेरा होगा बड़ा एहसान,

के युग युग तेरी रहेगी शान ॥


डोल उठी है सारी धरती देख रे,

डोला गगन है सारा ।

भीख मांगने आया तेरे घर,

जगत का पालनहारा ।

मैं आज तेरा मेहमान,

कर के रे मुझ से जरा पहचान ॥

भक्त भर दे रे झोली ।

॥ तेरे द्वार खड़ा भगवान...॥


आज लुटा दे रे सर्वस अपना,

मान ले रे कहना मेरा ।

मिट जायेगा पल में तेरा,

जनम जनम का फेरा रे ।

तू छोड़ सकल अभिमान,

अमर कर ले रे तू अपना दान ॥

भक्त भर दे रे झोली ।

॥ तेरे द्वार खड़ा भगवान...॥


तेरे द्वार खड़ा भगवान,

भक्त भर दे रे झोली।

तेरा होगा बड़ा एहसान,

के युग युग तेरी रहेगी शान ॥

मेरे शंकर भोले भाले, बेड़ा पार लगाते है(Mere Shankar Bhole Bhale Beda Paar Lagate Hai)

मेरे शंकर भोले भाले,
बेड़ा पार लगाते है,

रंग पंचमी कैसे मनाई जाती है

रंग पंचमी भारत का एक प्रमुख रंगीन त्योहार है, जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की होली से जोड़कर देखा जाता है।

जय जय सुरनायक जन सुखदायक (Jai Jai Surnayak Jan Sukhdayak Prantpal Bhagvant)

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता ।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,