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मै तो लाई हूँ दाने अनार के (Main To Layi Hu Daane Anaar Ke)

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


टैंट वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का पंडाल बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


बिजली वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का भवन जग मगाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


हलवाई तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का प्रसाद बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


ढोल वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का भजन बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


फूल वाले तेरा क्या जाएगा-३,

मेरी मैया का हार बन जाएगा,

मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥


मै तो लाई हूँ दाने अनार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के,

मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥

भरदे रे श्याम झोली भरदे (Bharde Re Shyam Jholi Bhar De)

भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,

कदम कदम पर रक्षा करता (Kadam Kadam Par Raksha Karta)

कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला उजाला,

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

इंदिरा एकादशी की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। पूरे साल में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं, जिनमें से सितंबर माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी हैं: परिवर्तिनी एकादशी और इंदिरा एकादशी।

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