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आयेगा मेरा श्याम, लीले चढ़ करके (Aayega Mera Shyam. Lile Chadh Karke)

दिल से जयकारा बोलो,

संकट में कभी ना डोलो,

पकड़ेगा तेरा हाथ,

सांवरा बढ़ करके,

आएगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके,

लीले चढ़ करके,

ओ लीले चढ़ करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


मेरे श्याम का एक जयकारा,

कितनो को पार उतारा,

दिल से जब कोई पुकारा,

हारे का बना सहारा,

करता भक्तों की रखवाली,

अड़ कर के,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


कलयुग का देव निराला,

मेरा बाबा खाटू वाला,

है देव बड़ा दिलवाला,

खोले किस्मत का ताला,

तोड़ दे कड़की का,

ये ताला कड करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


चल बन जा श्याम दीवाना,

ये जाने प्रीत निभाना,

हीरे मोती से ना भरमाना,

दो भक्ति के फूल चढ़ाना,

कभी बुलाना ना तू,

‘रोमी’ अकड़ करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥


दिल से जयकारा बोलो,

संकट में कभी ना डोलो,

पकड़ेगा तेरा हाथ,

सांवरा बढ़ करके,

आएगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके,

लीले चढ़ करके,

ओ लीले चढ़ करके,

आयेगा मेरा श्याम,

लीले चढ़ करके ॥

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला (Bhaye Pragat Kripala Din Dayala)

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।

गंधर्व पूजा कैसे करें

चित्ररथ को एक महान गंधर्व और देवताओं के प्रिय संगीतज्ञ के रूप में माना जाता है। वह स्वर्गलोक में देवताओं के महल में निवास करते थे। उनका संगीत और गायन दिव्य था। ऐसा कहा जाता है कि कहा जाता है कि चित्ररथ के संगीत और गान में इतनी शक्ति थी कि वे अपने गाने से भगवान शिव और अन्य देवताओं को प्रसन्न कर सकते थे।

जिस ओर नजर फेरूं दादी, चहुँ ओर नजारा तेरा है (Jis Aur Nazar Ferun Dadi Chahun Aur Nazara Tera Hai)

जिस ओर नजर फेरूं दादी,
चहुँ ओर नजारा तेरा है,

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