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हे गणनायक जय सुखदायक (Hey Gananayak Jai Sukhdayak)

हे गणनायक जय सुखदायक,

जय गणपति गणराज रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


शंकर सुवन भवानी के नंदन,

गौरी पुत्र गणेश, गौरी पुत्र गणेश,

जो कोई मानव तुझको ध्यावे,

मिट जाए सब क्लेश,

विघ्नविनायक कष्टनिवारक,

हे गणपति गणराज रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


लम्बोदर गजवदनविनायक,

मन में करो बसेरा, मन में करो बसेरा,

दर्शन पाकर तुम्हरा दाता,

हो जाए दूर अँधेरा,

ऐसी शक्ति दे दो मुझको,

जपते रहे तेरा नाम रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


गौरी के तुम पुत्र कहाओ,

मूषक वाहन सवारी, मूषक वाहन सवारी,

भरी सभा में आज तू भगवन,

राखो लाज हमारी,

भक्तन के तुम हो रखवारे,

पुरे करो सब काम रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


हे गणनायक जय सुखदायक,

जय गणपति गणराज रे,

गणपति नमः गणपति नमः,

गणपति नमः गणपति नमः ॥


मासिक शिवरात्रि के दिन यह भोग लगाएं

मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित विशेष पर्व है, जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।

चाहे सुख हो दुःख हो, एक ही नाम बोलो जी (Chahe Sukh Ho Dukh Ho Ek Hi Naam Bolo Ji)

चाहे सुख हो दुःख हो,
एक ही नाम बोलो जी,

शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, होली के सात दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है।

जय हो शिव भोला भंडारी (Jai Ho Shiv Bhola Bhandari Lela Aprampar Tumhari Bhajan)

जय हो शिव भोला भंडारी,
लीला अपरंपार तुम्हारी,

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