नवीनतम लेख

बिना राम रघुनंदन के, कोई नहीं है अपना रे (Bina Ram Raghunandan Ke Koi Nahi Hai Apna Re)

बिना राम रघुनंदन के,

कोई नहीं है अपना रे,

जहाँ राम है सच वही,

बाकी जगत इक सपना रे,

सदा राम रहे राज़ी मुझसे,

कर्म वही मुझे करना है,

जहां धर्म है वही राम,

मन राम रंग ही रंगना है,

बोलो राम जय सिया राम,

जय रघुनंदन जय सियाराम ॥


राम की करुणा किरपा है,

जो अब तक मुझे संभाले है,

यदा कदा नहीं सर्वदा,

संकट से राम निकाले है,

मैं राम का हूँ और राम मेरे,

बाकी फ़िकर क्या करना रे,

जहाँ राम है सुख वही,

दुःख में भी राम को भजना रे,

बोलो राम जय सिया राम,

जय रघुनंदन जय सियाराम ॥


राम की हर इक आदत जब,

आदत मेरी बन जाएगी,

उस दीन जगत में राम कसम,

हर बात मेरी बन जाएगी,

माया पति जब मेरे पास,

माया को फिर क्या तरसना रे,

जहाँ राम है यश वही,

जीवन की मधुर हर रसना रे,

बोलो राम जय सिया राम,

जय रघुनंदन जय सियाराम ॥


वो सतयुग था ये कलयुग है,

यहाँ राम से ज्यादा रावण है,

रहे आज भी महल में रावण,

और राम भटकता वन वन है,

अटल है जग में राम की जीत,

रावण को पडेगा मरना रे,

जहाँ राम है मुक्ति वहीँ,

अब सहारे तरना रे,

बोलो राम जय सिया राम,

जय रघुनंदन जय सियाराम ॥


बिना राम रघुनंदन के,

कोई नहीं है अपना रे,

जहाँ राम है सच वही,

बाकी जगत इक सपना रे,

सदा राम रहे राज़ी मुझसे,

कर्म वही मुझे करना है,

जहां धर्म है वही राम,

मन राम रंग ही रंगना है,

बोलो राम जय सिया राम,

जय रघुनंदन जय सियाराम ॥

क्या है कालाष्टमी कथा

हिंदू धर्म में हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इसे भैरव अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है।

मेरे गणराज आये है (Mere Ganaraj Aaye Hai)

वक्रतुण्ड महाकाय,
सूर्यकोटि समप्रभ:,

गृह शांति पूजा विधि

हिंदू धर्म में एक परिवार के लिए उसका घर एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में वो नहीं चाहेगा, कि घर में किसी तरह की दिक्कत आए। इसी कारण से लोग घर के लिए गृह शांति पूजा करवाते हैं।

मईया ये जीवन हमारा, आपके चरणों में है(Maiya Ye Jeevan Hamara Aapke charno Me Hai)

मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,