नवीनतम लेख

मेरो खोय गयो बाजूबंद (Mero Khoy Gayo Bajuband)

ऊधम ऐसा मचा ब्रज में, सब केसर रंग उमंगन सींचें

चौपद छज्जन छत्तन, चौबारे बैठ के केसर पीसें ।

भर पिचकारी दई पिय को, पीछे से गुपाल गुलाल उलीचें

अरे एक ही संग फुहार पड़ें, सखी वह हुए ऊपर मैं हुई नीचे ।

ऊपर-नीचे होते-होते, हो गया भारी द्वंद

ना जाने उस समय मेरा, कहाँ खो गया बाजूबन्द ॥

हो मेरा, हो मेरा, हो मेरा


उधम ऐसो मच्यो बृज में,

सब केसर उमंग मन सींचे,

क्यों पद्माकर छज्जन थाकन,

बैठत छाजत केसर पीसे,

दे पिचकारी भगी पिय को,

पछे से गोपाल गुलाल उलीचे,

एकहि संग वहार पिटे,

सखी वो भये ऊपर मैं भई नीचे,

ऊपर निचे हे सखी हे गयो भारी बंद,

ना जाने वा समय कहाँ,

मेरो खोय गयो बाजूबंद।

दै पिचकी भजी भीजी तहां पर, पीछे गुपाल गुलाल उलीचे ।

एक ही सग यहाँ रपटे सखी ये भए ऊपर वे भई नीचे ।


मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होरी में,

होरी में, होरी में,

होरी में, होरी में,

मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होली में ।


बाजूबंद मेरे बड़ो रे मोल को,

तो पे बनवाऊँ पुरे तोल को,

नन्द के परजंद,

रसिया होरी में,

मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होली में।


सास लड़ेगी मेरी नंदुल लड़ेगी,

खसम की सिर पे मार पड़ेगी,

हे जाय सब रस भंग,

रसिया होरी में,

मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होली में ।


उधम तेने लाला बहुत मचायो,

लाज शरम जाने कहाँ धरी आयो,

मैं तो होय गई तोसे तंग,

रसिया होरी में,

मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होली में।


तेरी मेरी प्रीत पुराणी,

तुमने मोहन नाय पहचानी,

मोकू ले चल अपने संग,

रसिया होरी में,

मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होली में।


मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होरी में,

होरी में, होरी में,

होरी में, होरी में,

मेरो खोय गयो बाजूबंद,

रसिया होली में।

मत कर तू अभिमान रे बंदे (Mat Kar Tu Abhiman Re Bande)

मत कर तू अभिमान रे बंदे,
जूठी तेरी शान रे ।

शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।

Hey Bhole Baba Hey Bhandari (हे भोले बाबा हे भंडारी)

हे भोले बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,

प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी (Pyara Saja Hai Tera Dwar Bhawani)

दरबार तेरा दरबारों में इक खास एहमियत रखता है
उसको वैसा मिल जाता है जो जैसी नीयत रखता है