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सुन री यशोदा मैया - भजन (Sun Ri Yashoda Maiya)

सुन री यशोदा मैया,

तेरे नंदलाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥


नानो कन्हैया तेरो बड़ा उत्पाती,

संग में ग्वाल बाल खुरापाती,

कर दे डगरिया पे,

कर दे डगरिया पे,

कर दे डगरिया पे चलना मोहाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥


छाछ दही माखन को बेरी,

दाड़ो ढीठ डाटे से ना डरे री,

ऊँचे छीके टांगी,

ऊँचे छीके टांगी,

ऊँचे छीके टांगी बहुत संभाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥


सुन री यशोदा मैया,

तेरे नंदलाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥

त्रिपुर भैरवी जयंती पर कौन सा पाठ करें?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल त्रिपुर भैरवी जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन मां काली को समर्पित है, जो शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक हैं। मां काली की पूजा शास्त्रों में बहुत ही फलदायी मानी गई है।

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जया एकादशी व्रत नियम

प्रत्येक महीने में एकादशी दो बार आती है—एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की एकादशी पूर्णिमा के बाद आती है, जबकि शुक्ल पक्ष की एकादशी अमावस्या के बाद आती है।

सात्विक मंत्र के क्या लाभ है?

सात्विक मंत्रों का जाप हमारे जीवन को सकारात्मकता और शांति से भर सकता है। ये मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं, बल्कि मन की अशांति और नकारात्मक विचारों को भी दूर करते हैं।