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मेरी मैया जी कर दो नज़र(Meri Maiya Ji Kardo Nazar)

मेरी मैया जी कर दो नज़र,

ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,

मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥


तेरे द्वारे हूँ कबसे खड़ी,

हाथ फूलों की लेकर लड़ी,

आस दिल में है दीदार की,

मैं हूँ प्यासी तेरे प्यार की,

देख दामन ये खाली मेरा,

मेरी मईया जी कर दो नज़र,

ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,

मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥


है महामाया माँ तार दे,

शारदे शारदे शारदे,

चूम लूँ मैया तेरे चरण,

सारे दुख दर्द हो जा हरण,

बस इतनी कृपा करदे माँ,

तेरी चौखट ही हो मेरा घर,

मेरी मईया जी कर दो नज़र,

ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,

मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥


तेरे दर की पुजारन रहूं,

मैं सदा ही सुहागन रहूं,

तेरा सिंगार करके सदा,

मांग सिंदूर से मैं भरूं,

माँ की भक्ति में बेनाम की,

ज़िन्दगी सारी जाए गुज़र,

मेरी मईया जी कर दो नज़र,

ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,

मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥


मेरी मैया जी कर दो नज़र,

ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,

मेरी मईया जी कर दो नज़र ॥

मैं आया हूं तेरे द्वारे, गणराज गजानन प्यारे - भजन (Main Aaya Hoon Tere Dware Ganaraj Gajanan Pyare)

मैं आया हूँ तेरे द्वारे,
गणराज गजानन प्यारे ॥

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस का नाम धन और तेरस ये दो शब्दों से बना है जिसमें धन का मतलब संपत्ति और समृद्धि है और तेरस का अर्थ है पंचांग की तेरहवीं तिथि। यह त्योहार खुशहाली, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर वर्ष अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। दृक पंचांग के अनुसार दिसंबर माह के 18 तारीख को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

प्रदोष व्रत की कथा (Pradosh Vrat Ki Katha )

प्राचीनकाल में एक गरीब पुजारी हुआ करता था। उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने भरण-पोषण के लिए पुत्र को साथ लेकर भीख मांगती हुई शाम तक घर वापस आती थी।

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