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मन मंदिर में राम होना चाहिए: भजन (Maan Mandir Mein Ram Hona Chahiye)

जुबां पे राम का नाम होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥


सीताराम चरित अति पावन,

तुलसी करते गायन,

मर्यादा बिन राम है सूने,

कहती है रामायण,

मन अपना अयोध्या धाम होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥


मन मंदिर के सिंहासन पे,

सजेगा राम का आसन,

निर्मल मन तेरा हो जाएगा,

राम करेंगे शाशन,

पापों पे पूर्ण विराम होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥


जब जब होगी घर घर अंदर,

राम चरित की पूजा,

हनुमत की किरपा बरसेगी,

राम राज्य तब होगा,

प्रभु राम पे हमें अभिमान होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥


श्री राम चरित मानस अपनाकर,

राम चरित तुम गाओ,

कहता ‘रोमी’ पापी मन में,

राम की ज्योत जगाओ,

सियाराम का हमें गुलाम होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥


जुबां पे राम का नाम होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए,

मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥

बालाजी के चरणों में ये काम कर दिया (Balaji Ke Charno Mein Ye Kaam Kar Diya)

बालाजी के चरणों में ये काम कर दिया,
एक दिल था वो भी इनके नाम कर दिया ॥

भर दे सभी की झोली, मेहंदीपुर वाले बाला (Bharde Sabhi Ki Jholi Mehndipur Wale Bala)

भर दे सभी की झोली,
मेहंदीपुर वाले बाला,

दिवाली पूजन कथा

सनातन धर्म में दिवाली का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।

नाग देवता वासुकी की पूजा किस विधि से करें?

सनातन धर्म में 33 करोड़ यानी कि 33 प्रकार के देवी-देवता हैं। जिनकी पूजा विभिन्न विधि-विधान के साथ की जाती है। इन्हीं में एक नागराज वासुकी हैं। वासुकी प्रमुख नागदेवता हैं और नागों के राजा शेषनाग के भाई हैं।