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फूलों में सज रहे हैं (Phoolon Mein Saj Rahe Hai)

फूलों में सज रहे हैं,

श्री वृन्दावन बिहारी,

और साथ सज रही है,

वृषभानु की दुलारी ॥


टेढ़ा सा मुकुट सर पर,

रखा है किस अदा से,

करुणा बरस रही है,

करुणा भरी निगाह से,

बिन मोल बिक गयी हूँ,

जब से छबि निहारी,

फूलों में सज रहे है,

श्री वृन्दावन बिहारी ॥


बहियाँ गले में डाले,

जब दोनों मुस्कुराते,

सब को ही प्यारे लगते,

सब के ही मन को भाते,

इन दोनों पे मैं सदके,

इन दोनों पे मैं वारी,

फूलों में सज रहे है,

श्री वृन्दावन बिहारी ॥


श्रृंगार तेरा प्यारे,

शोभा कहूँ क्या उसकी,

इत पे गुलाबी पटका,

उत पे गुलाबी साड़ी,

फूलों में सज रहे है,

श्री वृन्दावन बिहारी ॥


नीलम से सोहे मोहन,

स्वर्णिम सी सोहे राधा,

इत नन्द का है छोरा,

उत भानु की दुलारी,

फूलों में सज रहे है,

श्री वृन्दावन बिहारी ॥


टेढ़ी सी तेरी चितवन,

हर एक अदा है बांकी,

बांके के बांके नैना,

मारे जिगर कटारी,

फूलों में सज रहे है,

श्री वृन्दावन बिहारी ॥


चुन चुन के कलिया जिसने,

बंगला तेरा बनाया,

दिव्य आभूषणों से,

जिसने तुझे सजाया,

उन हाथों पे मैं सदके,

उन हाथों पे मैं वारी,

फूलों में सज रहे है,

श्री वृन्दावन बिहारी ॥


फूलों में सज रहे हैं,

श्री वृन्दावन बिहारी,

और साथ सज रही है,

वृषभानु की दुलारी ॥

छोटी होली पूजा विधि

साल 2025 में छोटी होली 13 मार्च गुरूवार को है। ये दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके परम भक्त प्रहलाद की पूजा के लिए समर्पित होता है।

वन में चले रघुराई (Van Me Chale Raghurai )

वन में चले रघुराई,
संग उनके सीता माई,

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे(Mere Ram Rai Tu Santa Ka Sant Tere)

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥

हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों तुम्हे अयोध्या बुला रही है (Hey Arya Putro, Hey Ram Bhakto, Tumhe Ayodhya Bula Rahi Hai)

हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों
तुम्हे अयोध्या बुला रही है ।