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माँ की दुआ बड़ी है(Maa Ki Dua Badi Hai)

लाख बार गिर कर मैं,

हर बार उठा हूँ,

जब भी संकट आया,

तेरा नाम जपा हूँ,

कैसे कहूं मैं चला अकेला,

पग पग साथ चली है,

ममता के आंचल में हूं पला,

तेरी करुणा बड़ी है,

आज हूँ मैं जो कुछ भी,

माँ की दुआ बड़ी है,

भगवान ना देखा मैंने,

भगवान मेरी वही है,

भगवान ना देखा मैंने,

भगवान मेरी वही है ॥


हर संकट को हरने को,

माँ का आंचल काफी है,

काली कमला कल्याणी,

दूजा ना कोई साथी है,

काबिल मुझे बनाने को,

वो हर पल साथ खड़ी है,

गिरता देख उठाने को वो,

तूफानों से लड़ी है,

आज मैं जो कुछ भी,

मां की दुआ बडी है,

भगवान ना देखा मैंने,

भगवान मेरी वही है ॥


मेरी मान है माँ मेरी जान है माँ,

तू ही मेरी भगवान है माँ,

स्वर्ग तेरे चरणों में,

सेवा का वरदान है माँ,

‘मोहित’ के जीवन में मैया,

अंबे सबसे बड़ी है,

सदा रहूं आंचल की छाव,

माँ तू ही कृपामई है,

आज हूँ मैं जो कुछ भी,

मां की दुआ बडी है,

भगवान ना देखा मैंने,

भगवान मेरी वही है,

भगवान ना देखा मैंने,

भगवान मेरी वही है ॥


लाख बार गिर कर मैं,

हर बार उठा हूँ,

जब भी संकट आया,

तेरा नाम जपा हूँ,

कैसे कहूं मैं चला अकेला,

पग पग साथ चली है,

ममता के आंचल में हूं पला,

तेरी करुणा बड़ी है,

आज हूँ मैं जो कुछ भी,

माँ की दुआ बड़ी है,

भगवान ना देखा मैंने,

भगवान मेरी वही है,

भगवान ना देखा मैंने,

भगवान मेरी वही है ॥

मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो (Maiya Kripa Kar Do Jholi Meri Bhar Do)

मैया कृपा करदो,
झोली मेरी भरदो ।

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता (Hame Gurudev Tera Sahara Na Milata)

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।
ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥

जानकी स्तुति - भइ प्रगट किशोरी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kishori)

भइ प्रगट किशोरी,
धरनि निहोरी,

महातारा जयंती की कथा

हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं का विशेष स्थान है, जिनमें से एक देवी महातारा हैं। उन्हें शक्ति, ज्ञान और विनाश की देवी माना जाता है। देवी महातारा का स्वरूप गहरे नीले रंग का होता है, उनकी चार भुजाएं होती हैं और वे त्रिनेत्री हैं।

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