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भारत विविध परंपराओं और संस्कृतियों का अद्भुत संगम है। यहाँ हर त्योहार सिर्फ उत्सव नहीं होता बल्कि लोक जीवन से गहराई से जुड़ी परंपराओं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने वाला होता है।
दीवाली, दिवाली या दीपावली जानें क्या है सही शब्द और अर्थ
दीपावली, जिसे आम बोलचाल में दीवाली भी कहा जाता है। ये त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है।
छोटी दिवाली का पावन त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसे छोटी दिवाली के साथ-साथ रूप चौदस, काली चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
नरक चतुर्दशी पर क्यों होती है यमराज की पूजा
छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इनके अलावा इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का भी विधान है।
दिवाली 2024: मां लक्ष्मी की संपूर्ण आरती
दिवाली का त्योहार पूरे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ अन्य देवी-देवताओं की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है।
छोटी दिवाली पर कितने दीये जलाने चाहिए
छोटी दिवाली के दिन मुख्य रूप से 5 दीये जलाने का प्रचलन है। इनमें से एक दीया घर के ऊंचे स्थान पर, दूसरा रसोई में, तीसरा पीने का पानी रखने की जगह पर, चौथा पीपल के पेड़ के तने और पांचवा घर के मुख्य द्वार पर जलाना सबसे उचित माना गया है।
दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। हालांकि दिवाली की रोशनी से एक दिन पहले हमें अच्छाई और सच्चाई की ओर ले जाने वाला त्योहार आता है, जिसमें हम छोटी दिवाली के रूप में मनाते हैं।
नरक चतुर्दशी पर ये ज्योतिष उपाय करें
छोटी दिवाली के दिन मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण, मां काली और यमराज की पूजा करने का विधान है। इस दिन संध्या के समय यमराज को दीप अर्पित किया जाता है।
छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है
दिवाली से ठीक एक दिन पहले यानी 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जाएगी। जिसे नरक चतुर्दशी, यम दिवाली, काली चौदस या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है।