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माघ मेला, कुंभ मेले से कैसे अलग है?

माघ माह का प्रारंभ होने जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में कल्पवासी संगम तट पर पहुंचने वाले हैं। पुराणों में भी इस महीने का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि इस महीने में भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। इसी कारण गंगा स्नान को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। धर्म ग्रंथों में इस महीने के दौरान गंगा स्नान के महत्व को विस्तार से बताया गया है।

क्या यमदेव की पूजा कर सकते हैं?

हिंदू धर्म में यमदेवता को मृत्यु के देवता के रूप में पूजा जाता है। यमराज या यमदेवता को संसार में मृत्यु के बाद आत्माओं का न्याय करने वाला देवता माना जाता है। वे पाताल लोक (नरक) के शासक हैं और मृत आत्माओं का मार्गदर्शन करते हैं।

क्या कुंभ में स्नान करने से मिलता है मोक्ष

कुंभ की शुरुआत में अब 15 दिन से कम का समय रह गया है। 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है। इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और साधु-संत पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर अपनी आस्था प्रकट करेंगे।

कल्पवास में खाने के नियम

हर साल माघ माह के दौरान कल्पवास के लिए प्रयागराज में भक्तों का जमावड़ा होता है, लेकिन इस बार का महाकुंभ माघ माह में होने के कारण इस संख्या में दोगुना इजाफा होने की उम्मीद है।

महाकुंभ में सबसे पहले शाही स्नान कौन करेगा

महाकुंभ मेला सनातन धर्म में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। यह मेला चार प्रमुख स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है।

महाकुंभ में स्नान करने के नियम

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस पवित्र पर्व में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से शामिल होंगे। इस दौरान वे संगम नदी पर स्नान करेंगे। महाकुंभ में इस स्नान का बहुत महत्व है। माना जाता है कि महाकुंभ में स्नान से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मासिक दुर्गाष्टमी 2025 लिस्ट

सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, जो हर माह अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। 2025 में पहली मासिक दुर्गाष्टमी 7 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन मां दुर्गा का पूजन और व्रत किया जाता है। जो भी इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत करता है।

शाम को क्यों नहीं लगाई जाती झाड़ू

हिंदू धर्म, अपनी प्राचीन परंपराओं और मान्यताओं के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसी अनेक बातें लिखी हुई हैं जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हुई हैं। ये मान्यताएं पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही हैं। आपने अक्सर अपने बड़ों से सुना होगा कि रात में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए या शाम के बाद तुलसी को नहीं छूना चाहिए।

मंगलवार को बाल क्यों नहीं कटवाना चाहिए?

सप्ताह के हर दिन किसी न किसी ग्रह की पूजा होती है। मंगलवार का दिन मंगल ग्रह को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह को शक्ति और ऊर्जा का कारक माना जाता है। इस दिन की पूजा विधि और नियमों का पालन करने से मंगल ग्रह प्रसन्न होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।