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कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक मनाया जाने वाला छठ महापर्व सूर्य देव और छठी मईया की आराधना का पर्व है। इस साल यह 5 नवंबर 2024 को नहाय-खाय से शुरू होगा और 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा।
छठ पूजा का पर्व आस्था, संयम और शुद्धता का प्रतीक है। इसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय पूजा विधि
छठ पूजा 5 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू होने जा रहा है। यह 04 दिनों तक चलने वाला पर्व है। जो शुद्धता, संकल्प और यम- नियमों पर आधारित है।
देश में भगवान चित्रगुप्त के टॉप 5 मंदिर
भारत में भगवान चित्रगुप्त जी के कई प्रमुख मंदिर हैं। जिनमें पटना, गोरखपुर, कांचीपुरम और उज्जैन के मंदिर विशेष महत्व रखते हैं। ये मंदिर वास्तुकला, सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था का प्रतीक माने जाते हैं।
भाई दूज पर बहनें इस समय न करें तिलक
भाई दूज 2024: भाई दूज पर बहनें शुभ मुहूर्त में अपने भाई को तिलक लगाकर उनके दीर्घायु और समृद्धि की कामना करती हैं। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विशेष धार्मिक महत्व रखता है।
दिवाली पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करें
दिवाली पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को सही तरीके से संभालना बेहद महत्वपूर्ण है। पुरानी मूर्तियों को सम्मान के साथ विसर्जित करना और नई मूर्तियों को पूजा स्थल पर स्थापित करना शुभ माना जाता है। गलत तरीके से मूर्तियों का उपयोग करने से पूजा का फल नष्ट हो सकता है।
भाई दूज पर राशि के अनुसार उपाय जानिए
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है, जो इस साल 3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करके उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं।
भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा विधि
माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।
भाई दूज पर क्यों होती है चित्रगुप्त भगवान की पूजा
माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ है। इन्हें देवताओं के मुख्य लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है।