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इन फूलों को माना जाता है मां लक्ष्मी का प्रिय

दीपावली पर धन की देवी के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि, यश और वैभव आता है। ऐसे में हर व्यक्ति चाहता है कि वह माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त करे।

देश में दिवाली मनाने के अलग-अलग तरीके और परंपरा

भारत की सांस्कृतिक विविधता दिवाली के पर्व में भी स्पष्ट रूप से झलकती है। दिवाली का त्योहार भारतीय संस्कृति की विविधता का भी प्रतीक है।

दिवाली पूजा के विशेष फल

रोशनी और सजावट के पर्व दीपावली में धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा विधि-विधान से पूर्ण की जाती है।

छोटी दिवाली पर कितने दीये जलाना होता है शुभ

छोटी दिवाली दीयों से घर-आंगन को रोशन करने का पर्व है। इसका संबंध हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि से भी है। इस दिन घी और तेल के दीपक जलाने, यमराज के लिए दीपदान करने और अभ्यंग स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

छोटी दिवाली पर करें ये उपाय

दीपों के पर्व दीपावाली को हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को बड़े उल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व के लिए लोग पहले से ही अपने घरों की सजावट और साफ-सफाई शुरू कर देते हैं, ताकि माता लक्ष्मी के स्वागत में कोई कमी ना रहे।

अन्नकूट पूजा कब होगी

अन्नकूट पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण और गिरिराज यानी गोवर्धन की पूजा के लिए मनाया जाता है। 5 दिवसीय दिवाली त्योहार का धार्मिक रूप से एक महत्वपूर्ण पहलू है।

कैसे हुई भाई दूज मनाने की शुरुआत

पांच दिवसीय दीपावली त्योहार का समापन भाई दूज के साथ होता है। भाई दूज विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर में शुक्ल पक्ष के दूसरे चंद्र दिवस पर मनाया जाता है।

गोवर्धन पूजा की संपूर्ण कथा

दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का प्रमुख त्योहार गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की प्रतीक स्वरूप पूजा-अर्चना करने का विधान है।

गोवर्धन पूजा पर क्यों होता है अन्नकूट

गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्‍ण, गोवर्धन पर्वत, गाय और गौवंश की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्‍ण को उनका भोग लगाने और अन्नकूट महोत्सव का भी विधान है।