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ॐ जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता। ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥
ॐ जय एकादशी माता, मैया जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
जय अहोई माता, जय अहोई माता। तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली । तेरे ही गुण गाये भारती, ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
जय भगवद् गीते, माता जय भगवद् गीते। हरि हिय कमल विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते॥
जय पितरजी महाराज, जय जय पितरजी महाराज। शरण पड़यो हूँ थारी, राखो हमरी लाज॥
दीन दुखिन के तुम रखवाले, संकट जग के काटन हारे। बालाजी के सेवक जोधा, मन से नमन इन्हें कर लीजै।