नवीनतम लेख

होलिका दहन के दौरान ना करें ये गलती

होलिका दहन 2025: इन गलतियों से रहें सावधान, वरना हो सकता है आर्थिक नुकसान


होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए होलिका दहन किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने जब नरसिंह अवतार लिया था और भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी, तभी से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन कई नियमों का पालन किया जाता है, लेकिन कुछ गलतियां करने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता, आर्थिक संकट और दुर्भाग्य आ सकता है। इसलिए इस दिन कुछ कार्यों से बचना आवश्यक होता है।

1. मांस-मदिरा का सेवन न करें


होलिका दहन के दिन मांस-मदिरा का सेवन करना अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और किसी भी तरह के नशे से दूर रहना चाहिए। इस दिन यदि कोई व्यक्ति शराब पीता है या मांसाहार करता है, तो उसे जीवन में आर्थिक परेशानियों और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यह परिवार में कलह और नकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ाता है।

2. धन का लेन-देन न करें


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलिका दहन के दिन किसी से भी धन उधार लेना या देना नहीं चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है और घर में दरिद्रता आ सकती है। मान्यता है कि जो लोग इस दिन पैसे का लेन-देन करते हैं, उन्हें सालभर आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि इस दिन किसी भी तरह का वित्तीय लेन-देन न किया जाए।

3. एक पुत्र की मां रखें ध्यान


ऐसा माना जाता है कि जिन माताओं का केवल एक ही पुत्र है, उन्हें होलिका दहन की अग्नि के पास नहीं जाना चाहिए। परंपराओं के अनुसार, एकमात्र पुत्र की माता को इस अनुष्ठान से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह उनके पुत्र के लिए अशुभ हो सकता है। हालांकि, जिनके पास एक पुत्र और एक पुत्री हैं, वे इस नियम से मुक्त माने जाते हैं और वे होलिका दहन कर सकते हैं।

4. सफेद चीजों का सेवन न करें


ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन के दिन सफेद रंग की चीजों का सेवन वर्जित होता है। इस दिन सफेद मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशे जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सफेद चीजें नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं, जिससे दुर्भाग्य बढ़ सकता है।

5. इन लकड़ियों को न जलाएं


होलिका दहन के लिए आमतौर पर सूखी लकड़ियां जलाने की परंपरा होती है, लेकिन कुछ विशेष लकड़ियां जलाना अशुभ माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, आम, बरगद और पीपल की लकड़ियों को जलाने से बचना चाहिए। इन पेड़ों में फाल्गुन के महीने में नई कोपलें निकलती हैं, और इन्हें जलाने का अर्थ होता है नवनिर्माण को नष्ट करना, जो अशुभ फल दे सकता है।


श्री गायत्री मैया की आरती (Shri Gayatri Maiya Ki Aarti)

जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।
सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥

फाल्गुन माह प्रदोष व्रत उपाय

फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन अमावस्या के उपाय

फाल्गुन अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। खासकर पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस अमावस्या से बेहतर दिन ही नहीं है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।

कितने साल तक रखना चाहिए एकादशी और प्रदोष व्रत

हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत धार्मिक श्रद्धा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ के लिए किए जाते हैं।