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नवरात्रि का पाँचवें दिन स्कंदमाता की उपासना की जाती है। मैय्या इस रूप में मोक्ष और सुख देने वाली है। साथ ही मां मनोकामनाएं भी पूर्ण करती है।
नवरात्रि मतलब हम सनातनियों के लिए मां की आराधना के पावन नौ दिन और विशेष तौर पर रात्रि। हर दिन मैय्या का एक नया रूप और उस रूप की आराधना।
पितरों की नाराजगी के 9 महत्वपूर्ण संकेत
यदि आपके घर में भी है अशांति तो नाराज हो सकते हैं आपके पितृ, जानिए पितरों की नाराजगी के 9 महत्वपूर्ण संकेत.
पितरों की प्रसन्नता के 5 संकेत
पितृपक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण समय माना जाता है, इस वर्ष इसकी शुरुआत बीते 17 सितंबर से हो गई है। ज्योतिर्वेद विज्ञान केंद्र पटना के ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा के अनुसार यह 15 दिनों का एक अति विशेष कालखंड होता है जब लोग अपने पूर्वजों को तर्पण और श्राद्ध अर्पित करते हैं, जिससे उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो सके।
अगर आप पितृपक्ष के अवसर पर पिंडदान के लिए बिहार के गया आ रहे हैं और ठहरने के लिए महंगे होटलों में पैसे खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
माता के भक्तों के लिए नवरात्रि सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इन नौ दिनों में देश ही नहीं दुनिया भर में मैय्या रानी के जगराते और पूजन पाठ किए जाते हैं। मैय्या हर दिन एक अलग रूप में भक्तों को दर्शन देती है और भक्त भी मां के उस स्वरूप की आराधना कर अपने मन की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
जगत जननी मां दुर्गा की आराधना के पावन पर्व नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। यह मैया के सबसे सुंदर स्वरूपों में से एक है। आदिशक्ति मां भवानी दुर्गा का अष्टम रूप बड़ा ही मनमोहक और मनभावन है। महागौरी मैय्या अपने अन्य रूपों की तुलना में बहुत अधिक गोरे वर्ण वाली है। तो भक्त वत्सल की नवरात्रि विशेषांक के दसवें लेख में जानिए मां के आठवें स्वरूप महागौरी के बारे में विस्तार से…….
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