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मासिक शिवरात्रि व्रत कथा

Masik Shivratri Vrat Katha: मासिक शिवरात्रि पर पढ़ें ये व्रत कथा, जीवन में आएगी सुख और शांति


हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र पर्व है। इस दिन भक्तगण शिवलिंग की पूजा और व्रत करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत और कथा सुनने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक माना जाता है। साथ ही यह कठिन परिस्थितियों और बाधाओं को दूर करने का माध्यम है। तो आइए इस आलेख में मासिक शिवरात्रि व्रत कथा और इसके महत्व को विस्तार से जानते हैं।


जानिए मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व


सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि व्रत और कथा का विशेष स्थान है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को कई प्रकार के लाभ भी प्राप्त होते हैं। 


  • परेशानियां दूर होती हैं:- जीवन में आने वाली समस्याएं समाप्त होती हैं।
  • विवाह में मिलेगी सफलता:- विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।
  • धन और संतान सुख:- आर्थिक संकट दूर होता है और दंपत्ति को संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है।
  • मोक्ष की होगी प्राप्ति:- भगवान शिव के प्रति भक्ति से व्यक्ति को मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।


मासिक शिवरात्रि व्रत कथा


पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में चित्रभानु नामक एक शिकारी अपने परिवार का पालन-पोषण शिकार करके करता था। एक बार वह कर्ज में डूब गया और साहूकार ने उसे बंदी बना लिया। संयोगवश उस दिन महाशिवरात्रि का ही दिन था। चित्रभानु को शिव मठ में रखा गया जहां उसने शिवरात्रि की कथा सुनी।


अगले दिन साहूकार ने उसे जंगल में छोड़ दिया। वहां चित्रभानु भूख और प्यास से व्याकुल हो गया और एक बेल के पेड़ के नीचे शरण ली। उसे ज्ञात नहीं था कि वहां एक शिवलिंग स्थापित है।


रात को भूख-प्यास के कारण वह पेड़ की टहनियां तोड़कर नीचे गिराता रहा, जो संयोगवश शिवलिंग पर गिर गईं। इस प्रकार उसने अनजाने में शिवलिंग की पूजा कर ली। 


मध्य रात्रि में जब वह एक गर्भवती हिरणी का शिकार करने लगा, तो हिरणी ने उससे अपने जीवन की भीख मांगी। दया के भाव से उसने उसे छोड़ दिया। इस घटना ने उसके हृदय को झकझोर दिया और वह शिव भक्ति में लीन हो गया।


अगली सुबह जब वह शिव मठ लौटा तो साहूकार ने उसका कर्ज भी माफ कर दिया। भगवान शिव की कृपा से उसका जीवन बदल गया। उसने शिकार करना छोड़ दिया और भगवान शिव का भक्त बन गया।


व्रत कथा सुनने का महत्व


मासिक शिवरात्रि पर व्रत कथा सुनना अत्यंत फलदायी माना गया है। इस कथा को सुनने से भक्त को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं जो इस प्रकार हैं। 

  1. भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं।
  2. जीवन के कष्टों से मुक्ति पाते हैं।
  3. इससे मानसिक शांति और सुख-समृद्धि का भी अनुभव किया जा सकता है।


मासिक शिवरात्रि की पूजा-विधि


  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं।
  • धूप-दीप जलाएं और शिव मंत्रों का जाप करें।
  • शिव चालीसा का पाठ करें और आरती करें।
  • भगवान शिव से सुख, शांति और  समृद्धि की कामना करें। 
  • तो इस प्रकार आप भी इस मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजा कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं।


सात्विक मंत्र क्या है?

हिंदू धर्म और सनातन परंपरा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इनके उच्चारण से ना सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति होती है। बल्कि, यह मानसिक और शारीरिक शांति भी प्रदान करता है।

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