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आरती श्री जानकीनाथ जी की (Aarti Shri Jankinath Ji Ki)

ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।

दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

ॐ जय जानकीनाथा..


तुम रघुनाथ हमारे, प्राण, पिता माता।

तुम ही सज्जन-संगी, भक्ति मुक्ति दाता॥

ॐ जय जानकीनाथा...


लख चौरासी काटो, मेटो यम त्रासा।

निसिदिन प्रभु मोहि रखियेअपने ही पासा॥

ॐ जय जानकीनाथा...


राम भरत लछिमन, सँग शत्रुहन भैया।

जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया॥

ॐ जय जानकीनाथा...


हनुमत नाद बजावत,नेवर झमकाता।

स्वर्णथाल कर आरती, कौशल्या माता॥

ॐ जय जानकीनाथा...


सुभग मुकुट सिर, धनु सर, कर सोभा भारी।

तुलसीदास दर्शन करि, पल-पल बलिहारी॥

ॐ जय जानकीनाथा...


ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।

दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

ॐ जय जानकीनाथा..


बोलिये श्रीरामचन्द्रजी की जय

महाशिवरात्रि से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन

इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे कुछ राशियों के ऊपर शिव जी की विशेष कृपा हो सकती है।

2025 की पहली बैकुंठ एकादशी कब है

सनातन धर्म में बैकुंठ एकादशी का विषेश महत्व है। इस पवित्र दिन पर भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु उपरांत बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है।

शिव सन्यासी से मरघट वासी से (Shiv Sanyasi Se Marghat Wasi Se)

शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,

आदि अंत मेरा है राम (Aadi Ant Mera Hai Ram)

आदि अंत मेरा है राम,
उन बिन और सकल बेकाम ॥