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हनुमत जय बजरंगबली (Hanumat Jay Bajrangbali)

हनुमत जय बजरंगबली,

आपका नाम जपा है जिसने,

विपदा उसकी टली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


आपसे बढ़कर कौन है ज्ञानी,

आपसे बढ़कर कौन है दानी,

सारी सिद्धियाँ पास आपके,

भूत प्रेत सब दास आपके,

इसीलिए तो आपकी चर्चा,

इसीलिए तो आपकी चर्चा,

होती गली गली,

जय बजरंगबली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


सियाराम के आप दुलारे,

सब देवों में आप है प्यारे,

आप पिता है आप ही माता,

हर प्राणी से आपका नाता,

सारे जग में हर एक मन में,

सारे जग में हर एक मन में,

आपकी ज्योति जली,

जय बजरंगबली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


दुखियों के दुःख हरने वाले,

खाली झोली भरने वाले,

प्रभु आप है दया के सागर,

आपका मन करुणा का गागर,

दृष्टि आपकी जिसपे पड़ी है,

दृष्टि आपकी जिसपे पड़ी है,

नवनिधि उसको मिली,

जय बजरंगबली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


हनुमत जय बजरंगबली,

आपका नाम जपा है जिसने,

विपदा उसकी टली,

पवनसुत जय बजरंगबली ॥


चैत्र प्रदोष व्रत की तिथियां और मुहूर्त

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है।

भजामि शंकराये नमामि शंकराये (Bhajami Shankaraye Namami Shankaraye)

भजामि शंकराये नमामि शंकराये,
त्रिलोचनाये शूलपाणी चंद्र शेखराये,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ (Mere Gannayak Tum Aa Jao)

मेरे गणनायक तुम आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,

जिस काँधे कावड़ लाऊँ, मैं आपके लिए(Jis Kandhe Kawad Laun Main Aapke Liye)

जिस काँधे कावड़ लाऊँ,
मैं आपके लिए,

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