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राजा राम आइये, प्रभु राम आइये, मेरे भोजन का, भोग लगाइये( Raja Ram Aaiye Mere Bhojan Ka Bhog Lagaiye)

राजा राम आइये,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


आचमनी अर्घा आरती,

यही यहाँ मेहमानी,

रुखी रोटी पाओ प्रेम से,

पियो नदी का पानी,

राजा राम आइयें,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


भूल करोगे यदि तज दोगे,

भोजन रुखे सुखे,

एकादशी आज मन्दिर में,

बैठे रहोगे भूखे,

राजा राम आइयें,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


राजा राम आइये,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥

देखो शिव की बारात चली है (Dekho Shiv Ki Barat Chali Hai)

देखो शिव की बारात चली है,
भोले शिव की बारात चली है,

बिना राम रघुनंदन के, कोई नहीं है अपना रे (Bina Ram Raghunandan Ke Koi Nahi Hai Apna Re)

बिना राम रघुनंदन के,
कोई नहीं है अपना रे,

स्कंद षष्ठी व्रत की पौराणिक कथा

स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय जिन्हें मुरुगन, सुब्रमण्यम और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है उनकी पूजा को समर्पित है। यह व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत में मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और शक्ति के देवता के रूप में पूजते हैं।

तेरी बिगडी बना देगी, चरण रज राधा प्यारी की(Teri Bigdi Bana Degi Charan Raj Radha Pyari Ki)

तेरी बिगड़ी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की ॥