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दरश एक बार दिखाना रे, शिव शंकर डमरू वाले(Darsh Ek Bar Dikhana Re Shiv Shankar Damru Wale)

दरस एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥

इतना बताओ शम्भू मेरे,

तुमने कहाँ कहाँ डाले डेरे,

मुझे वो द्वार बताना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


भोले कितने धाम तुम्हारे,

तुमको ढूंढ ढूंढ के हारे,

तेरा दरबार मिला ना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


विनती सुनो महाकालेश्वर,

दर्शन दे दो ओम्कारेश्वर,

तेरी मैं हुई दीवानी रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


कर दो किरपा काशीनाथ,

चित भूमि के बैदनाथ,

सोया भाग जगाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


मुझको बता दो श्री गणेश,

मिलेंगे कहाँ पे शिव नागेश,

मुझे उनसे मिलवाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


बारह शिवलिंगो के रूप,

मुझको दिखा दो सभी स्वरुप,

मुझे तेरा ही सहारा रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


दरस एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥

मैय्या का चोला है रंगला

हो, लाली मेरी मात की, जित देखूँ तित लाल
लाली देखन मैं गया, मैं भी हो ग्या लाल

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥

मुरली वाले ने घेर लयी, अकेली पनिया गयी (Murli Wale Ne Gher Layi)

मुरली वाले ने घेर लयी
अकेली पनिया गयी ॥

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् (Ath Tantroktam Ratri Suktam)

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम् यानी तंत्र से युक्त रात्रि सूक्त का पाठ कवच, अर्गला, कीलक और वेदोक्त रात्रि सूक्त के बाद किया जाता है।

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