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दरश एक बार दिखाना रे, शिव शंकर डमरू वाले(Darsh Ek Bar Dikhana Re Shiv Shankar Damru Wale)

दरस एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥

इतना बताओ शम्भू मेरे,

तुमने कहाँ कहाँ डाले डेरे,

मुझे वो द्वार बताना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


भोले कितने धाम तुम्हारे,

तुमको ढूंढ ढूंढ के हारे,

तेरा दरबार मिला ना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


विनती सुनो महाकालेश्वर,

दर्शन दे दो ओम्कारेश्वर,

तेरी मैं हुई दीवानी रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


कर दो किरपा काशीनाथ,

चित भूमि के बैदनाथ,

सोया भाग जगाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


मुझको बता दो श्री गणेश,

मिलेंगे कहाँ पे शिव नागेश,

मुझे उनसे मिलवाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


बारह शिवलिंगो के रूप,

मुझको दिखा दो सभी स्वरुप,

मुझे तेरा ही सहारा रे,

शिव शंकर डमरू वाले,

दरश एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥


दरस एक बार दिखाना रे,

शिव शंकर डमरू वाले ॥

बसंत पंचमी कथा

बसंत पंचमी सनातन धर्म का विशेष पर्व है, जिसे माघ महीने में मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। इस खास दिन पर माता शारदा की पूजा की जाती है और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

षटतिला एकादशी व्रत कथा

सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। पंचांग के अनुसार, माघ महीने की एकादशी तिथि को ही षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के संग मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने से का विधान है।

छोटी होली पूजा विधि

साल 2025 में छोटी होली 13 मार्च गुरूवार को है। ये दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके परम भक्त प्रहलाद की पूजा के लिए समर्पित होता है।

जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)

जगमग जगमग जोत जली है।
राम आरती होन लगी है॥

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