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ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे नमः।
खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे। (खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)
दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे, ( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)
ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ। (ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
धीरे चलो री, पवन धीरे - धीरे चलो री। धीरे चलो री पुरवइया।
अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां। (मैय्या, अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां।)
हो, चैत महीना और अश्विन में, ओ.. चैत महीना और अश्विन में, आते मां के नवराते। मुंह मांगा वर उनको मिलता, जो दर पे चलके आते।
द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए
कोई कमी नही है, दर मैय्या के जाके देख। देगी तुझे दर्शन मैय्या, तू सर को झुका के देख।
तेरी छाया मे, तेरे चरणों में, मगन हो बैठूं, तेरे भक्तों में॥