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ममतामयी मां हे जगदम्बे (Mamatamayi Ma He Jagadambe)

ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

भाग्य उदय हो जाएं हमारे, अपने दरस दिखा जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)


देर करो न आज भवानी, सफल करो माता जिंदगानी।

देर करो न आज भवानी, सफल करो माता जिंदगानी।

मेरे मन को निर्मल कर दो, भक्ति भाव जगा जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)


तरस रहे हैं नैन हमारे, बाठ निहारत सांझ सकारे।

तरस रहे हैं नैन हमारे, बाठ निहारत सांझ सकारे।

दीप द्वारे रख में बैठी, अपने ज्योत जला जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)


ये बेनाम शरण तेरी आई, हम पर भी मां हो करुणाई।

ये बेनाम शरण तेरी आई, हम पर भी मां हो करुणाई।

आँगन बिन माता लगे सूना, अमृत रस बरसा जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

भाग्य उदय हो जाएं हमारे, अपने दरस दिखा जाओ।


प्रभु राम का बनके दीवाना (Prabhu Ram Ka Banke Deewana)

प्रभु राम का बनके दीवाना,
छमाछम नाचे वीर हनुमाना,

शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।

Veer Hanumana Ati Balwana (वीर हनुमाना अति बलवाना)

वीर हनुमाना अति बलवाना,
राम नाम रसियो रे,

भगवान शिव का बेलपत्र, धतूरा और भांग से संंबंध

भगवान शिव को देवा का देव कहा जाता है। शिवरात्रि उनका एक प्रमुख त्योहार है। 26 फरवरी को इस बार शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन शिवलिंग पर जल के साथ बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।