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ममतामयी मां हे जगदम्बे (Mamatamayi Ma He Jagadambe)

ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

भाग्य उदय हो जाएं हमारे, अपने दरस दिखा जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)


देर करो न आज भवानी, सफल करो माता जिंदगानी।

देर करो न आज भवानी, सफल करो माता जिंदगानी।

मेरे मन को निर्मल कर दो, भक्ति भाव जगा जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)


तरस रहे हैं नैन हमारे, बाठ निहारत सांझ सकारे।

तरस रहे हैं नैन हमारे, बाठ निहारत सांझ सकारे।

दीप द्वारे रख में बैठी, अपने ज्योत जला जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)


ये बेनाम शरण तेरी आई, हम पर भी मां हो करुणाई।

ये बेनाम शरण तेरी आई, हम पर भी मां हो करुणाई।

आँगन बिन माता लगे सूना, अमृत रस बरसा जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।

(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)

भाग्य उदय हो जाएं हमारे, अपने दरस दिखा जाओ।


मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत विधि

सनातन हिंदू धर्म में, हर महीने मां दुर्गा के निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का व्रत करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ (Main To Shiv Hi Shiv Ko Dhyau)

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,
पूरी करे मन की मुराद,

राम सिया आने वाले है: भजन (Ram Siya Aane Wale Hain)

सारी दुनिया में अब लोगो के दुःख कटने वाले हैं,
राम सिया आने वाले है अवध में आने वाले है,