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जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।

त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥


होए...

जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।

जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।

तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।

तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


दृष्टि दया की जिस पर डाले,

तू उसका उद्धार करे। 


दृष्टि दया की जिस पर डाले,

तू उसका उद्धार करे।


जग कल्याणी भव सागर से,

सबका बेड़ा पार करे।


खाली झोली भरने वाली,

किसको दे दे कब कितना।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


हे...

अंधेरे में बनके उजाला,

भटके जनों को राह दिखा।


अंधेरे में बनके उजाला,

भटके जनों को राह दिखा।


मैय्या कर संतो की रक्षा,

शैतानों को आज मिटा।


जालिम को ऐसी सजा दे,

रह न जाए कोई निशान।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


जय अम्बे जगदम्बे मां,

तेरे दम से है दुनिया।


तेरी महिमा कोई न जाने,

तुझे कौन बचा है यहां॥


हे...

हे महारानी देवी भवानी,

ज्योति जलाने आया हूं।


ज्योतावाली माता काली,

तुझको मनाने आया हूं॥


हे...

मैहर वैष्णव दुर्गा चंडी,

बस तेरे गुण गाऊंगा।


बरस बरस में इन चरणों में,

श्रद्धा फूल चढ़ाऊंगा॥


हे...

रुक जायेगा दर पे तेरे,

गर तूफान भी आएगा।


मेरे सर पे हाथ है तेरा,

मुझको कौन मिटाएगा॥


कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

ललिता माता के 108 नाम

दस महाविद्याओं की साधना करना बहुत ही कठिन है लेकिन यदि साधना सफल हो जाती है तो होता है चमत्कार। दस महाविद्याओं में से एक है माता ललिता।

श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgraha Chalisa)

श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥

सच्चा है माँ का दरबार, मैय्या का जवाब नहीं (Saccha Hai Maa Ka Darbar, Maiya Ka Jawab Nahi)

दरबार हजारो देखे है,
पर माँ के दर सा कोई,