नवीनतम लेख

लेके पूजा की थाली

लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली

तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ

तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा

तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

ओ, माँ, ओ, माँ


लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली

तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ

तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा

तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

ओ, माँ, ओ, माँ


धूल तेरे चरणों की लेकर माथे तिलक लगाया।

हो, धूल तेरे चरणों की लेकर माथे तिलक लगाया।

यही कामना लेकर, मैय्या, द्वार तेरे मैं आया।

रहूँ मैं तेरा हो के, तेरी सेवा में खो के।

सारा जीवन गुज़ारूँ, भोली माँ।

तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा।

तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

ओ, माँ, ओ, माँ


सफल हुआ ये जनम कि मैं था जन्मों से कंगाल।

हो, सफल हुआ ये जनम कि मैं था जन्मों से कंगाल।

तूने भक्ति का धन दे के कर दिया मालामाल।

रहें जब तक ये प्राण, करूँ तेरा ही ध्यान।

नाम तेरा पुकारूँ, भोली माँ।

तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा।

तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

ओ, माँ, ओ, माँ


लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली।

तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ।

तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा।

तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ।

ओ, माँ, ओ, माँ

ओ, माँ, ओ, माँ


पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आये (Pat Rakho Gauri Ke Lal Hum Teri Sharan Aaye)

पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥

श्री शीतला माता चालीसा (Shri Shitala Mata Chalisa)

जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान ।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥

आश्विन मास कृष्ण पक्ष की इन्दिरा नाम एकादशी की कथा (Aashvin Maas Krshn Paksh Kee Indira Naam Ekaadashee Kee Katha)

महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पुनः प्रश्न किया कि भगवन् ! अब आप कृपा कर आश्विन कृष्ण एकादशी का माहात्म्य सुनाइये।

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा, डमरू बजाया (Ujjaini Me Baba Ne Esa Damru Bajaya)

उज्जैनी में बाबा ने ऐसा,
डमरू बजाया,