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बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

मेहरा वाली मेहरा करदे, झोलियां सबकी भर दे।

मेहरा वाली मेहरा करदे, झोलियां सबकी भर दे। ओ...

बिजली कड़क रही है, हम थम के आए हैं।

बिजली कड़क रही है, हम थम के आए हैं।

मेहरा वाली मेहरा करदे, झोलियां सबकी भर दे।

मेहरा वाली मेहरा करदे, झोलियां सबकी भर दे। ओ...


कोई बूढी माँ के संग आया, कोई तनहा हुआ तैयार।

कोई आया भक्तों की टोली में, कोई पूरा परिवार।

कोई बूढी माँ के संग आया, कोई तनहा हुआ तैयार।

कोई आया भक्तों की टोली में, कोई पूरा परिवार।

सबकी आंखें देख रहीं, कब पहुंचें तेरा द्वार।

छोटे छोटे बच्चों को, संग लेकर आए हैं।

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे। मां...


काली घनघोर घटाओं से, जम जम कर बरसे पानी।

आगे बढ़ते ही जाना है, भक्तों ने यही है ठानी।

हो..काली घनघोर घटाओं से, जम जम कर बरसे पानी।

आगे बढ़ते ही जाना है, भक्तों ने यही है ठानी।

सबकी आस यही है कि मिल जाए तेरा प्यार।

भीगी भीगी पलकों पर, सपने सजाए हैं।

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे। ओ...


तेरे ऊँचे भवन पे माँ अम्बे, रहते हैं लगे मेले।

मीठा फल वो ही पाते हैं, जो तकलीफें झेले।

हो हो.. तेरे ऊँचे भवन पे माँ अम्बे, रहते हैं लगे मेले।

मीठा फल वो ही पाते हैं, जो तकलीफें झेले।

दु:ख पाकर ही सुख मिलता है, भक्ति का ये सार।

मैय्या तेरे दरस के दीवाने आए हैं।

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे। मां...


रिम झिम ये बरस रहा पानी, अमृत के लगे समान।

इस अमृत में भीगे पापी, तो बन जाए इंसान।

हो..रिम झिम ये बरस रहा पानी, अमृत के लगे समान।

इस अमृत में भीगे पापी, तो बन जाए इंसान।

करदे मैय्या रानी करदे हम पे भी उपकार।

हमने भी जयकारे जम जम के लगाए हैं।

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे।

मेहरावली मेहरा करदे झोलियां सबकी भर दे। ओ...

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे संकटों को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 विशेष रूप से चैत्र मास में मनाई जाती है और इस दिन गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

30 नवंबर या 1 दिसंबर, कब है मार्गशीर्ष अमावस्या?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर महीने आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या कहते हैं। यह दिन पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है।

बांटो बांटो मिठाई मनाओ ख़ुशी (Banto Banto Mithai Manao Khushi)

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी,
मुँह मीठा करवाओ अवध वासियो ।

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के उपाय

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी विघ्न समाप्त होते हैं और जीवन में शुभता आती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।