नवीनतम लेख

साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा

Chandra Grahan 2025: इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें समय और प्रभाव; बरतनी होंगी ये सावधानियां 



चंद्र ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार भी इसका गहरा प्रभाव माना जाता है।

इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को पड़ेगा। इस चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है, क्योंकि यह होली पर पड़ रहा है। इससे विभिन्न राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं।

धार्मिक मान्यताओं में भी इस बारे में बताया गया है। चलिए इस लेख में हम इस चंद्र ग्रहण की तारीख, समय और पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से आपको बताते हैं।



2025 में होली के दिन लगेगा चंद्र ग्रहण


साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण मार्च में ही लगेगा और खास बात यह है कि यह होली के दिन, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 14 मार्च को पड़ेगा। यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका रहेगा।



जानिए चंद्र ग्रहण 2025 का समय


भारतीय समयानुसार, साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। इस खंडग्रास चंद्र ग्रहण का मध्यकाल शाम 4 बजकर 17 मिनट पर पड़ेगा, जब चंद्रमा का अधिकतम हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका रहेगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में अदृश्य रहेगा, जिसके कारण इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा और सूतक काल भी लागू नहीं होगा।



बिना चिंता के होली मना पाएंगे लोग


आमतौर पर ग्रहण के समय पूजा-पाठ और भोजन से परहेज किया जाता है, लेकिन इस बार भारतीय श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी धार्मिक गतिविधियां कर सकेंगे। खासकर होली के दिन होने के कारण लोग बिना किसी चिंता के रंगों का त्योहार मना पाएंगे।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका अदृश्य होना शुभ संकेत माना जाता है। इस कारण से ग्रहण भारतीयों के लिए किसी प्रकार की चिंता का कारण नहीं बनेगा।



क्या होता है चंद्र ग्रहण का प्रभाव?


चंद्र ग्रहण का प्रभाव वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दोनों रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।


  • ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा हमारे मन और भावनाओं को प्रभावित करता है। चंद्र ग्रहण के समय लोग ज्यादा तनाव और चिंता महसूस कर सकते हैं।
  • ग्रहण काल में पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए इस समय भोजन करने से बचने की सलाह दी जाती है।
  • विभिन्न राशियों पर चंद्र ग्रहण का अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। कुछ राशियों के लिए यह सकारात्मक हो सकता है। वहीं कुछ को सावधान रहने की जरूरत होती है।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान मंत्र जप और ध्यान करने से विशेष फल मिलता है और नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, चंद्र ग्रहण का असर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और समुद्र में आने वाली लहरों पर भी पड़ता है।
  • ग्रहण के समय कुछ विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए, जैसे भोजन न करना, खुले पानी को ढकना।



Disclaimer

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिषीय तथ्यों पर आधारित है। इसकी सटीकता या सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है। पाठकों से आग्रह है कि वे किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें और अपनी धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं का पालन करें।


सत्यनारायण व्रत विधि

भगवान सत्यनारायण, भगवान विष्णु का ही स्वरूप हैं। सत्यनारायण की पूजा का असल अर्थ है 'सत्य की नारायण के रूप' में पूजा। भगवान सत्यनारायण व्रत हिंदू धार्मिक मान्यता में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र (Gajendr Moksh Stotr )

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।

नित महिमा मै गाउँ मैया तेरी (Nit Mahima Mai Gaun Maiya Teri)

नित महिमा मैं गाउँ मैया तेरी ॥
और क्या माँगू मैं तुमसे माता,

दीपावली पूजन के लिए संकल्प मंत्रः (Dipawali Pujan ke liye Sankalp Mantra)

ऊं विष्णुर्विष्णुर्विष्णु:, ऊं तत्सदद्य श्री पुराणपुरुषोत्तमस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय पराद्र्धे श्री श्वेतवाराहकल्पे सप्तमे वैवस्वतमन्वन्तरे, अष्टाविंशतितमे कलियुगे, कलिप्रथम चरणे जम्बुद्वीपे भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर्गत ब्रह्मवर्तैकदेशे पुण्य