नवीनतम लेख

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

Geeta Jayanti 2024: जानिए कब और क्यों मनाई जाती है गीता जयंती


सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर जगत के पालनहार भगवन विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि उपासना करने से जातक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं। क्या आपको पता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती  क्यों मनाई जाती है? तो आइए इस लेख में इसकी वजह के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


कब है गीता जयंती? 


पंचांग के अनुसार 11 दिसंबर को गीता जयंती  है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का अमृत संदेश दिया था। ऐसे में आइए जानते हैं गीता जयंती से जुड़ी विशेष बातें।


क्यों मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी? 


सनातन शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से हर साल इसी तिथि पर गीता जयंती मनाई जाती है। गीता जयंती का पर्व भगवत गीता के जन्म को समर्पित है। मोक्षदा एकादशी के दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र गीता का उपदेश दिया था। इस दिन जातक विष्णु जी की कृपा प्राप्त करने के लिए विधिपूर्वक मोक्षदा एकादशी का व्रत-पूजा करते हैं और श्रद्धा अनुसार दान करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।


गीता जयंती 2024 शुभ मुहूर्त


पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 दिसंबर को देर रात 01 बजकर 09 मिनट पर होगा। ऐसे में 11 दिसंबर को गीता जयंती मनाई जाएगी।


क्यों ख़ास है गीता जयंती? 


गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे। महाभारत के युद्ध में बहुत से वीर योद्धाओं ने अपनी जान गवाई थी। यह भीषण युद्ध पाडवों और कौरवो के बीच हुआ था। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने उपदेश देकर अर्जुन का मनोबल बढ़ाया था। भगवद गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं जो मनुष्यों को जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में विस्तार से ज्ञान प्रदान करते हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने के साथ गीता का पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है साथ ही जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।


जब जब इनके भक्तों पे, कोई संकट आता है(Jab Jab Inke Bhakto Pe Koi Sankat Aata Hai)

जब जब इनके भक्तों पे,
कोई संकट आता है,

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi)

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, ,br> बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा,

जम्मू में माँ मात वैष्णो, कलकत्ते में काली (Jammu Mein Maa Maat Vaishno Kalkatte Mein Kali)

जम्मू में माँ मात वैष्णो,
कलकत्ते में काली,

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया, दिल गया हार सांवरे (Mere Baba Tujhe Kisne Sajaya Dil Gaya Haar Sanware)

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे,