नवीनतम लेख

होलाष्टक 2025 पर करें ये उपाय

Holashtak Upay: होलाष्टक पर करें ये उपाय, जीवन में होगी सुख और समृद्धि की बढ़ोत्तरी


होलाष्टक फागुन मास के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक मनाया जाता है। पुराणिक कथाओं के अनुसार ये 8 दिन किसी शुभ कार्य के लिए उचित नहीं माने जाते, मगर कुछ उपाय करने से इन दिनों में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।



होलाष्टक में धनलाभ के उपाय


मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक का समय दान-पुण्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस समय आप गरीबों को अनाज, कपड़े, गुड़, तिल, मसाले जैसे हल्दी, नमक और धन का दान करें। जिससे स्वाभाव में धन लाभ होता है और अनाज की जीवन में कभी कमी नहीं होती है।



होलाष्टक में ग्रह और स्वास्थ्य सुधार के उपाय


होलाष्टक के 8 दिनों में कुछ पूजा विधि के उपाय करने से नया साल बहुत शुभ होता है, और इससे ग्रह दोष कट जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस समय में अगर विधिवत् रूप से आप अपने कुल देव या घर के देवता का नामजप और पूजा करें, साथ ही हनुमान जी, जिन्हें कलयुग के देवता भी माना जाता है, की पूजा करें। रोज 8 दिन तक हनुमान चालीसा का जाप करने से रोग कम हो जाता है क्योंकि प्रभु हनुमान शक्ति और भक्ति के लिए जाने जाते हैं।



होलाष्टक में विष्णु पूजन के उपाय:


पुराणिक कथाओं के अनुसार होली के समय ही भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने आशीर्वाद दिया था और उसे जलती आग से बचाया था, इसलिए इस समय विष्णु पूजन का बहुत महत्व है:


  • रोज दिन विष्णु संग्रह के साथ नारायण कवच का पाठ करें।
  • दिन में विष्णु संग्रह और रात को सोने से पहले नारायण कवच भी पढ़ सकते हैं।
  • होलाष्टक के दौरान ज्यादा से ज्यादा "ओम नमः भगवते वासुदेवाय" का जाप करें।

श्याम ऐसो जिया में समाए गयो री: भजन (Shyam Eso Jiya Me Samay Gayo Ri)

श्याम ऐसो जिया में,
समाए गयो री,

धनदालक्ष्मी स्तोत्रम्

देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥

1 से 7 जनवरी तक के व्रत और त्योहार

इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा।

वैकुंठ एकादशी पूजा विधि

वैकुंठ एकादशी को सनातन धर्म में बेहद शुभ माना गया है। इसे मुक्कोटी एकादशी, पुत्रदा एकादशी और स्‍वर्ग वथिल एकादशी भी कहते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि यह एकादशी व्रत करने से वैकुंठ के द्वार खुलते हैं।