नवीनतम लेख

मत्स्य जयंती कब मनाई जाएगी

मत्स्य जयंती पर बन रहे दो शुभ संयोग, जानिए कब मनाया जाएगा ये पर्व; देखें शुभ मुहूर्त की लिस्ट 


मत्स्य जयंती भगवान विष्णु के पहले अवतार, “मत्स्यावतार” अर्थात् मछली अवतार की विशेष पूजा के रूप में मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके प्रलय के समय मनु और सप्तर्षियों को नाव में वेदों सहित सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था और जीवों की भी रक्षा की थी। इस पर्व को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। साथ ही, इस पर्व को धर्म, मोक्ष और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है। 


भगवान विष्णु के प्रथम अवतार की पूजा का शुभ मुहूर्त 


हिंदू पंचांग के अनुसार, मत्स्य जयंती हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। यह विशेष त्योहार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार अर्थात् “मत्स्य अवतार” को समर्पित है। इस साल चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अप्रैल को शाम 05:32 मिनट पर शुरू होगी और 11 अप्रैल को दोपहर 03:03 मिनट पर समाप्त होगी। उदय तिथि के अनुसार, मत्स्य जयंती 11 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन आयुष्मान योग और रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है, जो इस दिन को और भी महत्वपूर्ण बना रहा है।  


सुख, समृद्धि और मोक्ष दिलाने वाला मत्स्य अवतार व्रत


पौराणिक कथाओं के अनुसार, मत्स्य अवतार को भगवान विष्णु का पहला अवतार माना जाता है। जब पृथ्वी पर प्रलय का संकट आया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य का रूप धारण कर मनु, सप्तर्षियों और सभी जीवों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसीलिए भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सुख, समृद्धि, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, भक्तों की सभी इच्छाएं भी पूर्ण होती हैं।


पूजा के बाद करें अन्न, वस्त्र और धन का दान


  • सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। 
  • घर के पूजा स्थल की सफाई करें और वहां भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। 
  • दीपक और धूप जलाएं फिर भगवान विष्णु को रोली, अक्षत, पीले फूल, फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें। 
  • मत्स्य अवतार कथा का पाठ करें और भगवान विष्णु की आरती कर, ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
  • पूजा के बाद दान-पुण्य करें, खासकर अन्न, वस्त्र और धन का दान करना शुभ माना जाता है। 

Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho (जिस भजन में राम का नाम ना हो)

जिस भजन में राम का नाम ना हो,
उस भजन को गाना ना चाहिए ॥

शारदीय नवरात्रि पौराणिक कहानी

शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा की जाती है और यह शक्ति साधना का पर्व है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं और विजयादशमी पर उत्सव मनाया जाता है।

शिव जी का नाम सुबह शाम, भक्तो रटते रहना (Shiv Ji Ka Naam Subah Shaam Bhakto Ratte Rahana)

शिव जी का नाम सुबह शाम,
भक्तो रटते रहना,

कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा (Kahna Ve Assan Tera Janmdin Manavna)

रीझा भरी घडी यह आई,
घर घर होई रोशनाई