नवीनतम लेख

शिवलिंग पर जल चढ़ाने की कथा

Shivling Katha: शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से हो सकता है भाग्योदय, जानें इससे जुड़ी कथा



सनातन धर्म में भगवान शिव को सुख-सौभाग्य, सत्य और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही जातक के जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो सकती है। इतना ही नहीं, कहते हैं कि अगर किसी जातक के विवाह में कोई परेशानी आ रही है या मनचाहा वर पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है और व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है। अब ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का महत्व क्या है और इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है। इसके बारे में विस्तार से भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं। 


शिवलिंग पर जल चढ़ाने की पौराणिक कथा 



समुद्र मंथन की पौराणिक कथा में, देवताओं और असुरों ने अमृत के लिए समुद्र को मथा। इस मंथन के दौरान, कई मूल्यवान चीजें निकलीं, लेकिन सबसे खतरनाक था हलाहल नामक विष। यह विष इतना शक्तिशाली था कि यह पूरे ब्रह्मांड को नष्ट कर सकता था। देवताओं और असुरों दोनों ने भगवान शिव से मदद की गुहार लगाई।

भगवान शिव, जो करुणा और दया के लिए जाने जाते हैं, ने दुनिया को बचाने के लिए विष पीने का फैसला किया। उन्होंने सारा विष अपने कंठ में धारण कर लिया, जिससे उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ नाम मिला। विष के प्रभाव के कारण, भगवान शिव का शरीर अत्यधिक गर्म हो गया, जिससे उन्हें असहनीय पीड़ा हुई।

देवताओं ने भगवान शिव के शरीर को ठंडा करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए। उन्होंने उन पर पवित्र नदियों का जल डाला, जड़ी-बूटियों और औषधियों का लेप लगाया और ठंडी हवाओं से उन्हें राहत देने की कोशिश की। जल सबसे प्रभावी उपाय साबित हुआ।

भगवान शिव को शांत करने के लिए उन पर जल चढ़ाने की परंपरा तभी से शुरू हुई। यह माना जाता है कि जल में शीतलता और शुद्धिकरण के गुण होते हैं, जो भगवान शिव के शरीर को ठंडा करने और उन्हें शांति प्रदान करने में मदद करते हैं। इसलिए भगवान शिव को जल चढ़ाने का परंपरा तभी से चली आ रही है। 



महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मिलते हैं ये लाभ 



महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से नवग्रहों के दोष दूर होते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।


तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार(Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar)

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।

पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम (Paar Hoga Wahi Jise Pakdoge Ram)

पार होगा वही,
जिसे पकड़ोगे राम,

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी (Chandraghanta Maa Se Arji Meri)

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,