नवीनतम लेख

मां दुर्गा के पवित्र मंत्र

मार्गशीर्ष दुर्गाष्टमी इन मंत्रों के जाप से सुखमय होगा जीवन जानिए जाप का महत्व


मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी का दिन मां दुर्गा की आराधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस साल मार्गशीर्ष दुर्गाष्टमी 8 दिसंबर 2024, रविवार को पड़ रही है। इस पावन अवसर पर मां दुर्गा की पूजा और मंत्र जाप करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन मां दुर्गा की पूजा विधि पूर्वक करने और उनके पवित्र मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को भय, संकट और जीवन की नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है। तो आइए इस लेख में मंत्र जाप और इसके लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


जीवन को सुखमय बनाता है मंत्र जाप 


मां दुर्गा की आराधना में मंत्र जाप का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इन मंत्रों के माध्यम से भक्त देवी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।   बता दें कि मां दुर्गा के मंत्र ना केवल भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करते हैं। बल्कि, जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। इस दुर्गाष्टमी पर मां के मंत्रों का जाप कर उनका आशीर्वाद पाएं और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।


मां दुर्गा के प्रमुख मंत्र और उनका महत्व


  • मां दुर्गा का मूल मंत्र: ॐ दुं दुर्गायै नमः। मां दुर्गा का यह मूल मंत्र संकटों से रक्षा करता है। इसका जाप करने से व्यक्ति के भीतर साहस, निर्भीकता और आत्मविश्वास का संचार होता है। यह मंत्र जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है और सभी विपत्तियों से बचाव करता है। इस मंत्र का जाप सुबह पूजा के दौरान 108 बार करें। ध्यान मुद्रा में बैठकर मां दुर्गा की छवि पर ध्यान केंद्रित करें।
  • मां दुर्गा का बीज मंत्र: ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। यह बीज मंत्र मां दुर्गा की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। इसका जाप करने से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और हर कठिनाई में देवी का सानिध्य महसूस करने में सहायक है। मां दुर्गा की पूजा के दौरान इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इसे सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ करें।
  • मां दुर्गा का ध्यान मंत्र: ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्शमा शिवा धात्रि स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥ पूजा शुरू करने से पहले मां दुर्गा का ध्यान करते हुए इस ध्यान मंत्र का जाप अवश्य करें। यह पूजा को शुद्ध और पूर्ण बनाता है। इस मंत्र का जाप करते हुए मां दुर्गा के स्वरूप का ध्यान करने से पूजा में किसी प्रकार की त्रुटि या दोष उत्पन्न नहीं होता। पूजा के आरंभ में मां दुर्गा के चित्र के सामने बैठकर इस मंत्र का जाप करें।
  • मां दुर्गा का स्तुति मंत्र: ॐ देवी दुर्गे नमोऽस्तुते। मां दुर्गा की पूजा के बाद इस स्तुति मंत्र का जाप करने से देवी को प्रसन्नता होती है। यह मंत्र उनकी महिमा का वर्णन करता है और भक्तों को उनकी कृपा का अनुभव करने में सहायता करता है। पूजा समाप्त होने के बाद यह मंत्र 11 बार पढ़ें। इसे उच्च स्वर में पढ़ना अधिक प्रभावी माना जाता है।
  • दुर्गा स्तोत्र मंत्र: शरणागत दीनार्त परित्राण परायणी। सर्वज्ञ सर्ववरदा दुर्गे नमोऽस्तुते॥ यह मंत्र मां दुर्गा की स्तुति के लिए सबसे प्रभावशाली मंत्रों में से एक है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले इस मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मंत्र भक्त को सभी संकटों से मुक्ति दिलाने और सुख-समृद्धि लाने में सहायक है। इस मंत्र का पाठ दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले 3 बार करें।


मंत्र जाप के लाभ


  • सकारात्मकता: मंत्र जाप से मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
  • भय से मुक्ति: यह जाप व्यक्ति को सभी प्रकार के भय और नकारात्मकता से मुक्त करता है।
  • संकटों से रक्षा: मां दुर्गा के मंत्र व्यक्ति को सभी संकटों से बचाने में सहायक हैं।
  • जीवन में शुभता: मंत्र जाप से जीवन में शुभता, सुख, और समृद्धि का संचार होता है।
कान्हा रे थोडा सा प्यार दे (Kanha Re Thoda Sa Pyar De)

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,
चरणो मे बैठा के तार दे,

कंस वध मनाने की परंपरा (Kans Vadh Manane Ki Parampara)

दीपोत्सव यानी दिवाली के ठीक 10वें दिन एक और पर्व मनाया जाता है, जो हमें सिखाता है कि कैसे हमेशा बुराई पर अच्छाई की विजय होती है।

लक्ष्मी पंचमी के धन लाभ उपाय

हिंदू धर्म में लक्ष्मी जयंती का विशेष महत्व है। दिन में माता लक्ष्मी की विधि रूप से पूजा करने से धन, वैभव, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

इष्टि पौराणिक कथा और महत्व

इष्टि, वैदिक काल का एक विशेष प्रकार का यज्ञ है। जो इच्छाओं की पूर्ति और जीवन में शांति लाने के उद्देश्य से किया जाता है। संस्कृत में 'इष्टि' का अर्थ 'यज्ञ' होता है। इसे हवन की तरह ही आयोजित किया जाता है।

यह भी जाने