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गणपति देवा मेरे गणपति देवा, माता तेरी पार्वती,
गजानन आ जाओ एक बार, सभा में तुम्हें बुलाते है ॥
गाइये गणपति सुबहो शाम, मंगलमूर्ति मंगलकारी,
गणपति आयो बापा, रिद्धि सिद्धि लायो,
गंगा से गंगाजल भरके, काँधे शिव की कावड़ धरके,
बम बम बम बम भोला बम बम बम बम भोला
गंगा के खड़े किनारे भगवान् मांग रहे नैया
गाइये गणपति जगवंदन । शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
करे हाहाकार निःशब्द सदा ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ?
फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो,