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फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई,

खाटू नगरी चालो,

श्याम निशान उठालो,

श्याम कुंड के पावन जल में,

चलके डुबकी लगालो,

श्याम निशान उठालो ॥


गाँव-गाँव और शहर-शहर से,

तेरी प्रेमी जाते,

लाखों-लाखों रंग-बिरंगे,

श्याम ध्वजा लहराते,

श्याम का जयकारा करते,

करते खाटू को चालो,

श्याम निशान उठालो ॥


श्याम हवेली तक रींगस से,

लंबी लगी कतारें,

फागुन मेला आया भक्तों,

बाबा हमे पुकारे,

लड्डू-मेवे और इत्र का,

भोग श्याम को चढालो,

श्याम निशान उठालो ॥


ये मौका बड़भागी उठावे,

खाटू नगरी जावे,

सांवरिये का दर्शन करके,

माल-खजाना पावे,

अब भी समय है टिकट करा लो,

भाग्य ‘कुणाल’ जगालो ॥


फागुन की रुत फिर से आई,

खाटू नगरी चालो,

श्याम निशान उठालो,

श्याम कुंड के पावन जल में,

चलके डुबकी लगालो,

श्याम निशान उठालो ॥

सामने आओगे या आज भी (Samne Aaoge Ya Aaj Bhi)

सामने आओगे या आज भी परदा होगा,
सामने आओंगे या आज भी परदा होगा,

मुझे कैसी फिकर सांवरे साथ तेरा है गर सांवरे (Mujhe Kaisi Fikar Saware Sath Tera Hai Gar Saware)

मुझे कैसी फिकर सांवरे,
साथ तेरा है गर सांवरे,

शनिवार को किन मंत्रों का जाप करें?

शनिवार शनिदेव की पूजा-अर्चना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है।

करवा चौथ तिथि: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

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