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सांवरे को दिल में बसा के तो देखो(Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)

कर्ता करे ना कर सके,

पर गुरु किए सब होये ।

सात द्वीप नौ खंड मे,

मेरे गुरु से बड़ा ना कोए ॥


सांवरे को दिल में बसा के तो देखो

दुनिया से मन को हटा के देखो

बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी

इक बार वृन्दावन आ करके तो देखो


बांके बिहारी भक्तों के दिलदार

सदा लुटाते हैं कृपा के भण्डार


मीरा ने जैसे गिरिधर की पाया

प्याला ज़हर का अमृत बनाया

मीरा सी हस्ती मिटा कर तो देखो

इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो...


कोई तन दुखी कोई मन दुखी

कोई धन बिन रहे उदास

थोड़े थोड़े सब दुखी,

सुखी राम के दास


तेरी पल में झोली वो भर देगा

दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा

चौखट पे दामन फैला कर तो देखो

बस, इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो


‘चित्र विचित्र’ का तो बस यही कहना

प्रभु चरणो से कही दूर नहीं रहना

जिंदगी यह बंदगी में मिटा कर तो देखो

इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

पूजन गौरी चली सिया प्यारी (Poojan Gauri Chali Siya Pyari)

पूजन गौरी चली सिया प्यारी
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श्रीराम और होली की कथा

होली का त्योहार सिर्फ द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसका संबंध त्रेतायुग और भगवान श्रीराम से भी गहरा है। कहा जाता है कि त्रेतायुग में भी होली मनाई जाती थी, लेकिन तब इसका रूप आज से थोड़ा अलग था। ये सिर्फ रंगों का खेल नहीं था, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से जुड़ा हुआ एक अनोखा त्योहार था।

ओ शेरावाली माँ, क्या खेल रचाया है (O Sherawali Maa Kya Khel Rachaya Hai)

ओ शेरावाली माँ,
क्या खेल रचाया है,

जय बजरंगी बोले, वो कभी ना डोले (Jay Bajrangi Bole Vo Kabhi Na Dole)

बोले बोले रे जयकारा,
जो बाबा का बोले,

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