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हमें निज धर्म पर चलना सिखाती रोज रामायण (Hame Nij Dharm Par Chalna Sikhati Roj Ramayan)

हमें निज धर्म पर चलना,

सिखाती रोज रामायण,

सदा शुभ आचरण करना,

सिखाती रोज रामायण ॥


जिन्हे संसार सागर से,

उतर कर पार जाना है,

उन्हे सुख के किनारे पर,

लगाती रोज रामायण,

सदा शुभ आचरण करना,

सिखाती रोज रामायण ॥


कही छवि विष्णु की बाँकी,

कही शंकर की है झांकी,

हृदय आनँद झूले पर,

झुलाती रोज रामायण,

सदा शुभ आचरण करना,

सिखाती रोज रामायण ॥


कभी वेदों के सागर मे,

कभी गीता की गँगा मे,

कभी रस बिंदु के जल मे,

डुबाति रोज रामायण,

सदा शुभ आचरण करना,

सिखाती रोज रामायण ॥


सरल कविता के कुंजो में,

बना मंदिर है हिन्दी का,

जहां प्रभु प्रेम का दर्शन,

कराती रोज रामायण,

सदा शुभ आचरण करना,

सिखाती रोज रामायण ॥


हमें निज धर्म पर चलना,

सिखाती रोज रामायण,

सदा शुभ आचरण करना,

सिखाती रोज रामायण ॥

अंगना पधारो महारानी: भजन

अरे हों...
अंगना पधारो महारानी,
हे मैय्या अरे अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
रे अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।

म्हारा कीर्तन में रस बरसाओ(Mhara Kirtan Mein Ras Barsao)

म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ॥

फाल्गुन में क्या करें, क्या नहीं

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदू नववर्ष शुरू होगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

बजरंगबली हनुमान, तेरा जग में डंका बाज रया (Bajrangbali Hanuman Tera Jag Mein Danka Baj Raha)

बजरंगबली हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥