नवीनतम लेख
सबके दिल में, श्याम की तस्वीर है,
सभी रूप में आप विराजे, त्रिलोकी के नाथ जी,
सभी देवो से सुंदर है, मेरे हनुमान जी का दिल,
सब रस रंग भरे है, रामायण जी में,
सब में कोई ना कोई दोष रहा । एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥
जय रामजी, जय रामजी जय रामजी, जय रामजी
सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला हाथ धनुष गले में पुष्प माला
रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
पार ना लगोगे श्री राम के बिना, राम ना मिलेगे हनुमान के बिना।
राममन्दिरगीतम् कोटिकण्ठगीतमिदं राष्ट्रमन्दिरं