नवीनतम लेख

पापमोचनी एकादशी के उपाय

Papmochani Ekadashi Upay: पापमोचनी एकादशी पापों से दिलाएगी मुक्ति, सफल जीवन के लिए करें ये उपाय


पापमोचनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक व्रत, पूजा और उपाय करने से मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।



पापमोचनी एकादशी उपाय


  • भगवान विष्णु को पीले फूल और तुलसी की बनी हुई माला अर्पित करें।
  • व्रत के दिन शाम के समय में भगवान विष्णु के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। और घर की चौखट पर नौ बत्तियों वाला दीपक जलाएं, यह विशेष फलदायी होता है।
  • इस दिन शादीशुदा औरतों को तुलसी के पौधे में कलावा बांधना चाहिए और तुलसी माता के चारों ओर दीपक लगाकर परिक्रमा करना चाहिए।
  • मिट्टी के बर्तन में शुद्ध जल भरकर किसी जरूरतमंद को दान दें। और साथ ही किसी गरीब को अन्न, वस्त्र और भोजन का दान दें।
  • पीतल के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ी सी चीनी मिला लें और पीपल के वृक्ष में अर्पित करें, इसे बेहद शुभ माना जाता है।
  • सुबह-सुबह पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। और पीपल वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाएं।
  • पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु को मिश्री और चिरौंजी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।
  • इस दिन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" और "श्री कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:" का जाप करना बहुत शुभ होता है।



पापमोचनी एकादशी उपाय महत्व


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी पर किए गए उपवास, दान-पुण्य, पूजा और उपायों से मनुष्य के समस्त पाप ख़त्म हो जाते हैं। इस व्रत से केवल मोक्ष की प्राप्ति ही नहीं होती, बल्कि सांसारिक और शादी-शुदा जीवन में भी सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। जो मनुष्य श्रद्धा से इस व्रत पर इन उपायों को करता है, वह जीवन के हर मुश्किल क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। युवाओं और विद्यार्थियों को यह व्रत विशेष रूप से करना चाहिए, क्योंकि युवावस्था में वे अनजाने में और कभी-कभी जानबूझकर गलतियां कर बैठते हैं, ऐसे में यह पर्व उन्हें पाप मुक्त होने में मदद करता है।



अधिक जानकारी के लिए ये भी पढ़े:- 

समुद्र मंथन और धनवंतरी की कहानी: धनतेरस व्रत कथा (Samudra Manthan aur Dhanvantari ki kahani)

प्राचीन कल की बात हैं दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण सभी देवता भगवान विष्णु के साथ शक्तिहीन हो गए थे और साथ ही असुरो की शक्ति भी बढ़ गई थी।

कावड़ उठाले ध्यान, शिव का लगा ले (Kawad Utha Le Dhyan Shiv Ka Laga Le)

कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगाले ॥

गुड़ी पड़वा 2025 कब है

सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा त्योहार का विशेष महत्व है। इस त्योहार को चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, और इस तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू होता है। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है।

जनवरी में कब है संकष्टी चतुर्थी

सनातन हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल की पहली संकष्टी चतुर्थी लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान गणेश जी और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है।

यह भी जाने