नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
6 April 2025 Panchang (6 अप्रैल 2025 का पंचांग)
आज 06 अप्रैल 2025 चैत्र माह का इक्कीसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि नवमी है। इसे रामनवमी कहा जाता है, इस दिन भगवान राम की विधि विधान से पूजा की जाती है।
चैत्र नवरात्रि: मां चंद्रघंटा की कथा
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जिन्हें साहस, शांति और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को शक्ति और सफलता मिलती है।
चैत्र नवरात्रि तीसरे दिन की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र की संरचना बनी है इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी दुर्गा का यह स्वरूप शौर्य और सौम्यता का प्रतीक है।
5 April 2025 Panchang (5 अप्रैल 2025 का पंचांग)
आज 05 अप्रैल 2025 चैत्र माह का बीसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि अष्टमी है। इसे दुर्गाष्टमी कहा जाता है, इस दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है।
चैत्र नवरात्रि: मां ब्रह्मचारिणी की कथा
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के दूसरे रूप की पूजा करने से भक्तों को धैर्य, शांति और समृद्धि मिलती है।
चैत्र नवरात्रि दूसरे दिन की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है जो मां दुर्गा का स्वरूप हैं। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। इसलिए उन्हें तपस्या की देवी माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि व्रत में क्या खाएं
आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि प्राप्ति, मोक्ष के लिए चैत्र नवरात्रि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नवरात्रि में क्यों नहीं खाते लहसुन-प्याज
नवरात्रि में मां का आशीर्वाद पाने के लिए 9 दिनों तक व्रत रखते हैं और पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। मां दुर्गा की पूजा में नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, वरना पूजा निरर्थक हो जाती है। इन्हीं नियमों में खानपान के नियम भी शामिल हैं।
चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन की पूजा विधि
हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हिंदू नववर्ष के साथ होती है। यह पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ समय माना जाता है और पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies