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महाकुंभ मेला हर 12 साल में भारत के चार पवित्र स्थलों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में आयोजित किया जाता है। साल 2025 में यह दिव्य आयोजन प्रयागराज में होगा, जो लगभग 30 से 45 दिनों तक चलेगा।
मौनी अमावस्या पर सबसे बड़ा शाही स्नान
महाकुंभ के धार्मिक त्यौहार में श्रद्धालुओं और साधु संतों का जमावड़ा नजर आने वाला है। इस मौके पर लाखों श्रद्धालु और साधु संत प्रयागराज में एकत्रित होंगे और आस्था की डुबकी लगाएंगे। महाकुंभ के दौरान कुल छह शाही स्नान होंगे, जिनमें से पहला शाही स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर होगा।
गणेश जी को मोदक क्यों प्रिय हैं?
हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा मोदक के भोग के बिना अधूरी मानी जाती है। बप्पा को मोदक बेहद प्रिय है। आप कितने भी 56 भोग भगवान को भोग लगा दें, लेकिन मोदक के बिना पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। अब ऐसे में आखिर भगवान गणेश को मोदक इतना क्यों प्रिय है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
त्रिवेणी संगम पर शाही स्नान का महत्व
महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela 2025) हर बार ज्योतिषीय गणना के आधार पर आयोजित किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में साधु-संत भाग लेते हैं। यह मेला 12 साल के अंतराल में आयोजित होता है, और इस बार इसका भव्य आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है।
मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए?
मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाना एक ऐसा रिवाज है जो सदियों से चला आ रहा है। यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताए गए हैं।
क्यों दक्षिण दिशा में सिर रखकर नहीं सोना चाहिए?
हम सभी जानते हैं कि अच्छी नींद के लिए सही माहौल बनाना कितना ज़रूरी है। हम आरामदायक बिस्तर, कमरे का तापमान और रोशनी जैसी चीज़ों पर ध्यान देते हैं।
शाही स्नान में कितनी डुबकी लगानी चाहिए
महाकुंभ 2025 की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं, और अब साधु-संत तथा श्रद्धालु संगम में शाही स्नान के लिए आतुर हैं। शाही स्नान महाकुंभ या कुंभ मेला का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठान होता है, जिसे धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
महाकुंभ में बिछड़ों को कैसे ढूंढे
महाकुंभ, दुनिया के सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान है। हर 12 साल में इसका आयोजन किया जाता है। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु एक जगह इकट्ठा होते हैं। प्रयागराज के कुंभ में भी बड़ी संख्या में लोग आने वाले हैं।
शाही स्नान के क्या-क्या लाभ हैं
महाकुंभ मेला, जो हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर संगम स्थलों पर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। विशेष रूप से शाही स्नान का अत्यधिक महत्व है, जो महाकुंभ के मुख्य आकर्षणों में से एक है।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
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