धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotram)

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥


कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥


ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥


इति श्रीधन्वन्तरिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।


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माघ पूर्णिमा पूजा विधि

हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जल और प्रकृति में एक अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो मानव जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 2025 और भी विशेष बन गई है।

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

चंद्रदेव की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो पक्ष होते हैं । पहला कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। प्रत्येक पक्ष की अवधि 15 दिन की होती है।

काहे तेरी अखियों में पानी (Kahe Teri Akhiyo Me Pani)

काहे तेरी अखियों में पानी,
काहें तेरी अखियों में पानी,

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