सूर्य स्तोत्र

विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः। 

लोक प्रकाशकः श्री मांल्लोक चक्षुर्मुहेश्वरः ॥ लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा।

तपनस्तापनश्चैव शुचिः सप्ताश्ववाहनः ॥


गभस्तिहस्तो ब्रह्मा च सर्वदेवनमस्कृतः।

एकविंशतिरित्येष स्तव इष्टः सदा रवेः ॥


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ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें (Aisi Bhakti Mahadev De Do Hame)

ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,
रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai)

किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।

तेरे नाम का दीवाना, तेरे द्वार पे आ गया है: भजन (Tere Naam Ka Diwana Tere Dwar Pe Aa Gaya Hai)

तेरे नाम का दीवाना,
तेरे द्वार पे आ गया है,

रानी सती आज मेरे घर आई(Rani Sati Aaj Mere Ghar Aayi)

रानी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई,

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